Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोक के बावजूद निकाला जुलूस, यशवंत सिन्हा गिरफ्तार

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Wed, 05 Apr 2017 09:13 AM (IST)

    यशवंत सिन्हा को डेमोटांड स्थित कैंप जेल में रखा गया, जहां वे पुलिस कार्रवाई के विरोध में अनशन पर बैठ गए।

    रोक के बावजूद निकाला जुलूस, यशवंत सिन्हा गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, बड़कागांव (हजारीबाग)। बड़कागांव के महुदी में विवादित मार्ग से रामनवमी जुलूस निकालने के प्रयास में मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें डेमोटांड स्थित कैंप जेल में रखा गया है, जहां वे पुलिस कार्रवाई के विरोध में अनशन पर बैठ गए हैं। यशवंत ने पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए बिताया। इससे पूर्व महुदी में जुलूस निकालने को लेकर सोमवार देर रात ही सदर विधायक मनीष जायसवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यशवंत की गिरफ्तारी के बाद के बाद सैकड़ों की संख्या में जुटे लोग खुद की भी गिरफ्तारी की मांग करने लगे। भड़के आक्रोश को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले पुलिस ने लाठियां भांजीं। इसके बाद आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। एक आंसू गैस का गोला पास के खेत में जाकर गिरा, जिससे आग लग गई। इससे वहां भगदड़ मच गई। बाद में दमकल ने आग पर काबू पाया है। वहीं हंगामे में प्रमुख की गाड़ी का शीशा भी टूट गया। इससे भड़की भीड़ ने भी पुलिस पर पथराव किया। जुलूस में काफी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं। हंगामे व लाठीचार्ज में तीन से चार ग्रामीणों को चोटें आई हैं।

    यशवंत को समझाने का प्रयास विफल

    यशवंत सिन्हा की गिरफ्तारी के पूर्व सुबह से बड़कागांव में हाई वोल्टेज ड्रामा चला। विवादित जुलूस मार्ग में प्रवेश रोकने के लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। सोमवार देर रात बड़कागांव पहुंचे यशवंत सिन्हा मंगलवार की सुबह 9 बजे धरने पर ही बैठ गए। करीब 12 बजे तक धरने पर ही बैठे रहे। इस दौरान एसपी अनूप बिरथरे ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया। उनके नहीं मानने पर पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।

    जानिए, क्या कहा यशवंत ने

    सिन्हा का कहना था कि 50 वर्ष पूर्व मैं भी प्रशासन के पद पर था। प्रशासन के दृष्टिकोण को समझता हूं। यहां के लोग सरकारी मार्ग पर शांति से जुलूस निकाल कर त्योहार मनाना चाह रहे थे। इसमें हजारीबाग जिला प्रशासन का सहयोग नहीं के बराबर रहा। जबरन उनकी गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में रहना मंजूर है। वे बेल नहीं लेंगे।

    मस्जिद के कारण विवाद

    विवादित सरकारी मार्ग से सटी गली में मस्जिद है। इस वजह से हमेशा से जुलूस निकालने को लेकर यहां विवाद रहा है।

    जयश्री राम के नारे के साथ बस में घुसे समर्थक

    गिरफ्तारी के दौरान समर्थक लगातार जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। जैसे ही उन्हें गिरफ्तार किया गया समर्थक भी बस के अंदर प्रवेश कर गए। यहां तक कि पताका, झंडा व रामनवमी की लाठी लिए बस की छत पर सवार हो गए। उन्हें व उनके समर्थकों को दो बसों से बड़कागांव से 40 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड के डेमोटांड कृषि अनुसंधान केंद्र में बनाए गए कैंप जेल में रखा गया है। करीब पांच-छह दर्जन समर्थक उनके साथ कैंप जेल में हैं।

    अलसुबह हुई सदर विधायक की गिरफ्तारी

    महुदी में जुलूस निकालने को लेकर हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल सोमवार देर रात बड़कागांव पहुंचे। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने महुदी स्कूल के पास सुबह 3.30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी पर विधायक का कहना था कि काफी लंबे समय से यह विवाद चला आ रहा है। वे सभी शांतिपूर्वक विवाद का हल चाह रहे थे।

    सील कर दिया गया था बड़कागांव

    घटनाक्रम को लेकर सुबह से ही बड़कागांव सील कर दिया गया था। धारा 144 लागू कर दी गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के जवान तैनात थे। स्वयं उपायुक्तऔर एसपी बड़कागांव में सोमवार की रात से ही कैंप कर रहे थे। लोगों को महुदी जाने की इजाजत नहीं थी।

    देखें तस्वीरेंः रामनवमी जुलूस निकलने के प्रयास में यशवंत सिन्हा गिरफ्तार

    आजादी के पहले से चला आ रहा है विवाद

    बड़कागांव के महुदी में 1942 से विवाद चल रहा है। पहली बार दूसरे समुदाय के लोगों ने इस मार्ग से जुलूस निकालने का विरोध किया था। विवाद इतना बढ़ गया कि इसमें एक व्यक्तिकी मौत हो गई थी। इसके बाद इस अन्य मार्ग से रामनवमी जुलूस निकाला जा रहा था। 1984 में इसे लेकर प्रयास हुआ, लेकिन असफल रहा। फिर 1985 में तत्कालीन उपायुक्तके प्रयास पर जुलूस निकाला गया लेकिन इसके अगले दिन पुलिस और पब्लिक के बीच विवाद हुआ। इसमें हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। 1997-98 में वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था प्रशासन ने की, लेकिन यह नदी की तेज धार में बह गया। इसके बाद ग्रामीणों की मांग पर अब यशवंत सिन्हा ने इस मामले को उठाया है। उन्होंने अपनी उपस्थिति में ग्रामीणों को जुलूस निकालने का आश्वासन दिया था। कहा था कि प्रशासन को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। शांतिपूर्वक जुलूस निकाला जाएगा।

    यह भी पढ़ेंः लोहरदगा मेें तीन उग्रवादी गिरफ्तार, छह ने किया सरेंडर; 28 केन बम बरामद

    यह भी पढ़ेंः सीएम रघुवर बोले, गुरुजी के पुत्र को गरीबों का दर्द समझ में नहीं आता