इन महिलाओं ने जिद से बदली जिंदगानी
राह में कई रोड़े आए। शुरुआत में परिवार के सदस्यों का साथ नहीं मिला। लेकिन, हिम्मत नहीं हारी।

अविनाश कुमार सिंह, गोड्डा। अब तक गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड की पहचान योगिनी धर्मस्थल को लेकर थी, लेकिन अब यहां पैदा होने वाले मशरूम ने इसे अलग पहचान दिलाई है। यह एकमात्र ऐसा प्रखंड है जहां मशरूम का उत्पादन होता है। कुछ महिलाओं ने अपने दम पर कुछ अलग करने की जिद से इसे संभव कर दिखाया।
कुछ वर्ष पूर्व दर्जनभर महिलाओं ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यहां मशरूम उत्पादन की शुरुआत की, जिसने कालांतर में अभियान का रूप ले लिया। यहां की महिलाएं अब परिवार के पुरुष सदस्यों के साथ कदमताल कर रही हैं। उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पढ़ रहे हैं और रहन-सहन में भी काफी बदलाव आया है। घाटकुरवा पंचायत का शिव-पार्वती महिला समूह सबसे ज्यादा मशरूम उत्पादन करता है।
समूह की अध्यक्ष नीतू ने बताया कि मशरूम उत्पादन से जुड़कर वह स्वावलंबी हुई। आज समूह की सभी सदस्य आत्मनिर्भर हैं। इस समूह की सफलता को देखकर गांव में धीरे-धीरे कई समूह का गठन हुआ। आसपास की पंचायतों में भी महिला समूह गठन कर मशरूम उत्पादन किया जाने लगा। इसमें आजीविका सखी की कल्पना दीदी का अहम योगदान रहा। उन्होंने प्रेरणा देने से लेकर मशरूम उत्पादन तक के तमाम गुर बताए।
शिव-पार्वती महिला समूह की नीतू ने बताया कि मशरूम का उत्पादन आसान नहीं था। राह में कई रोड़े आए। शुरुआत में परिवार के सदस्यों का साथ नहीं मिला। लेकिन, हिम्मत नहीं हारी। दृढ़ इच्छाशक्ति से आगे बढ़ी। सदस्यों को इसके लिए तैयार किया। बाद में सफलता मिली तो परिवार के सदस्यों ने हिम्मत बढ़ाई।

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