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    अवैध खनन के दौरान एक साथ उजड़ गया मां-बेटी का सुहाग

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    Updated: Fri, 05 May 2017 03:02 PM (IST)

    अवैध खनन के दौरान हुए हादसे में एक साथ एक मां देवंती देवी और बेटी फूलमती देवी का सुहाग उजड़ गया।

    अवैध खनन के दौरान एक साथ उजड़ गया मां-बेटी का सुहाग

    गिरिडीह, जेएनएन। लोकाय थाना के डुब्बा असनातरी गांव में ढिबरा (पत्थर) के अवैध खनन के दौरान सोमवार को हुए हादसे में एक साथ एक मां देवंती देवी और बेटी फूलमती देवी का सुहाग उजड़ गया। देवंती के पति सुखदेव कमार एवं फूलवती के पति रंजीत राणा की इस हादसे में मौत हो गई है।

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    फूलमती अपनी जख्मी मां देवंती के साथ मृत पति व पिता के शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने सदर अस्पताल पहुंची थी। इस दर्दनाक हादसे में मां-बेटी पत्थर बन गई थी। वहीं, देवंती की एक छोटी बेटी किरण व बेटे रोहित भी उनके साथ चुपचाप बैठा हुआ था।

    फूलमती ने दैनिक जागरण से अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि सोमवार की सुबह उसने नाश्ता कराकर अपने पति, पिता व मां को खदान में काम करने भेजा था। चंद घंटे बाद ही दोनों की मौत की सूचना मिली। उसने बताया कि करीब चार साल पूर्व उसकी शादी चकाई के जमनीतरी गांव में हुई थी। तीन साल के उसके एक बेटे की मौत हो गई थी। अभी जब वह गर्भवती है तो उसके पति व पिता दोनों उसे छोड़कर चले गए।

    ससुराल में उसे परेशान किया जा रहा था। बेहतर भविष्य के लिए करीब दो माह पूर्व वह अपने पति के साथ यही मायके पर आकर रहने लगी। पेट का सवाल था, इस कारण उसके पिता के साथ उसका पति भी पत्थर खदान में काम करने जाने लगा। उसे क्या पता था कि यह पत्थर खदान उसके पति व पिता को निगल जाएगा।

    खदान संचालक ने थाना जाने से रोका

    फूलमती ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर वह मदद के लिए थाना जा रही थी। लेकिन रास्ते से ही खदान संचालक नरेश पंडित, सुधीर पंडित, दारोगी राणा एवं शिबू राणा ने जबरन लौटा दिया। वे कह रहे थे कि पुलिस व प्रेस में नही जाना है। मामले को सलटा लिया जाएगा। बाद में शाम को पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।

    जेसीबी और डोजर से हो रहा था उत्खनन

    फूलमती एवं उसके साथ आए ग्रामीणों ने बताया कि वहां जेसीबी और डोजर लगाकर नरेश पंडित एवं उसके साथियों द्वारा पत्थर का उत्खनन कराया जा रहा था। गांव के करीब तीस से चालीस लोगों को ढिबरा चुनने का काम ठेका पर दिया गया था। औसतन डेढ़ सौ से लेकर दो सौ रुपये की कमाई प्रत्येक मजदूरों को प्रतिदिन होती थी। पिछले दो माह से यह काम चल रहा था। एक ग्रामीण ने बताया कि वन विभाग के एक अधिकारी का दौरा हुआ था। उसके बाद काम शुरू हो गया। डुब्बा गांव के उलारी छोर में एक खदान से बेशकीमती नीला पत्थर का खुदाई भी पत्थर माफिया काफी दिनों से कर रहे थे।

    जिसका संचालन कोडरमा के कथित सरजू सिंह द्वारा किया जा रहा था। फिलहाल यह काम दिन में नही कर रात में किया जाता है। यहां कुछ वर्ष पूर्व कीमती पत्थर निकालने के दौरान एक मजदूर की मौत हुई थी। जिसे पत्थर माफिया द्वारा लीपापोती कर दिया गया था। इस कार्य में स्थानीय सफेदपोश भी शामिल थे।

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