बिना काम कराए बिल भुगतान करने पर सात अफसर बर्खास्त
बिना काम करवाए ठेकेदारों को बिल भुगतान करने के मामले में सात अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। बीसीसीएल के कुस्तौर एरिया में बिना काम करवाए ठेकेदारों को दो सौ करोड़ से अधिक का बिल भुगतान करने के मामले में कोल इंडिया प्रबंधन ने सात अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त अधिकारियों में तीन महाप्रबंधक स्तर के अफसर हैं। बर्खास्तगी का यह आदेश कोल इंडिया की जीएम (पर्सनल व अपील) तृप्ति प्रयाग साव ने जारी की है।
सीबीआइ की सिफारिश पर कार्रवाईः
सीबीआइ 2011 से इस मामले की छानबीन में जुटी है। इस घोटाले में 23 नवंबर - 2011 को कुस्तौर एरिया कार्यालय से सैकड़ों फाइलें जब्त हुई थीं। इसमें 1992 फाइल अनपेड बिल से संबंधित था। छह साल तक चली जांच के बाद इन अधिकारियों की संलिप्तता सामने आयी थी। सूत्रों की मानें तो जांच प्रभावित न हो इसलिए जांच एजेंसी ने इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की थी।
इन पर हुई कार्रवाई:
1. सुरेश प्रसाद सिंह - कुस्तौर एरिया के तत्कालीन जीएम व वर्तमान में जीएम हेड क्वार्टर
2. प्रमोद प्रसाद गुप्ता-जीएम, (हेड क्वार्टर) व तत्कालीन जीएम (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग)
3. विनय कुमार ठाकुर - तत्कालीन असैनिक अभियंता। वर्तमान में सेंट्रल अस्पताल धनबाद में कार्यरत।
4. डीके घोष - तत्कालीन वित्त अधिकारी वर्तमान में मुख्यालय में तैनात।
5. एस कंधवे - अब रिटायर्ड।
6. ए. पाठक - अब रिटायर्ड।
7. ज्योतिष चंद्रा
सवा करोड़ के 16 ठेके से जुड़ी है बर्खास्तगी
बीसीसीएल के कुस्तौर में करोड़ों के घोटाले में सीबीआइ धनबाद ने आरसी 01 (ए) 2013 (डी) मुकदमा दर्ज किया था। इसी मुकदमे की जांच के बाद सीबीआइ ने चार्जशीट दायर की थी। मुकदमा कुस्तौर एरिया के 16 ठेके से जुड़ा है और इनमें करीब 1 करोड़ 23 लाख रुपये के नुकसान का दावा सीबीआइ ने एफआइआर में किया था। ऐसे अन्य मामले भी उजागर हुए थे। बिना काम किये नाली, सड़क, चहारदीवारी निर्माण की रकम डकार ली गई थी।
भुतगढ़िया से बोर्रागढ़ कोलियरी के लिए बनने वाली सड़क के लिए लगभग साढ़े सात लाख रुपये का भुगतान बीसीसीएल ने किया था, लेकिन यह सड़क झरिया विधायक कुंती देवी के फंड से बनी थी। इस कार्य में तात्कालीन अधिकारियों की पूरी जमात ही एक ठेकेदार ग्रुप के साथ थी। तात्कालीन सीजीएम कुस्तौर एके सेनगुप्ता, जीएम कुस्तौर एसपी सिंह, एरिया सिविल इंजीनियर विजय ठाकुर, फाइनेंस मैनेजर देवकमल घोष, जीएम प्रोडक्शन ज्योतिष चंद्रा, प्रमोद प्रसाद गुप्ता, दिनेश कुमार सिंह, बिमल प्रसाद और उमाशंकर कांदे के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।
कुस्तौर घोटाला, जानिए कब क्या हुआः
-05 मई 2011 : कुस्तौर क्षेत्रीय कार्यालय में आग से अनेक जरूरी दस्तावेज राख।
-02 अगस्त 2011 : राजापुर में कोल स्टाक मापी में सीबीआइ दबिश।
-04 अगस्त 2011 : सीबीआइ को पांच लाख रिश्वत देने में तत्कालीन जीएम एसपी सिंह गिरफ्तार।
-22 नवंबर 2011: ठेकेदार लाल बाबू सिंह के घर सीबीआइ की छापामारी।
-29 नवंबर 2011: कुस्तौर कार्यालय में सीबीआइ का छापा। सैकड़ों फाइलें जब्त।
जानिए, 2012 में क्या-क्या हुआ
-14 फरवरी 2012: कुस्तौर क्षेत्र खत्म, बस्ताकोला कुसुंडा व पीबी एरिया में विलय।
-28 फरवरी 2012 : 13 बीसीसीएल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा।
-30 जुलाई 2012 : ठेका घोटालों की जांच को आई सीबीआइ टीम पर फायरिंग।
-31 जुलाई 2012 : लुबी सकरुलर रोड कुबेर होटल में छापामारी में लाल बाबू सिंह व उनके तीन भाई गिरफ्तार। -1 अगस्त : लाल बाबू समेत सभी पकड़ कर जेल भेजे गए।
-16 अक्टूबर: लाल बाबू को जमानत।
-17 अक्टूबर: शिमलाबहाल में स्टापिंग कार्य की जांच।
-12 दिसंबर: ऐना व ईस्ट भगतडीह पहुंची सीबीआइ।
जानिए, 2013 में क्या-क्या हुआः
-31 जनवरी 2013 को लालबाबू, कुंभनाथ सिंह व छह बीसीसीएल अधिकारियों पर मुकदमा।
-18 फरवरी - लालबाबू समेत छह अधिकारियों के ठिकानों पर छापा।
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