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    अंगारों की जमीन में यहां दफन होती जिंदगियां, जानें-कब; क्या हुआ

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Thu, 25 May 2017 03:21 PM (IST)

    आए दिन कोयले में लगी आग से यहां भू-धंसान होता है। कई लोग अब तक काल के गाल में समा चुके हैं।

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    अंगारों की जमीन में यहां दफन होती जिंदगियां, जानें-कब; क्या हुआ

    जासं, झरिया। झरिया कोयलांचल। बेशक इसके गर्भ में कोल एनर्जी का भंडार है। पर, आज यही नियामत इस शहर के लोगों के लिए काल बन गई है। आए दिन कोयले में लगी आग से यहां भू-धंसान होता है। कई लोग अब तक काल के गाल में समा चुके हैं। बुधवार को एक हृदयविदारक हादसे में इंदिरा चौक के समीप बने गोफ में क्षेत्र के रहने वाले बबूल और उनका बेटा रहीम जमींदोज हो गया। इस घटना ने अंगारों की धरती के वाशिंदों को हिला दिया है।

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    इससे पहले नौ मार्च को सुदामडीह में भू-धंसान में एक दर्जन घर दरके थे। 13 मार्च को बोका पहाड़ी इलाका कांप उठा था। यहां करीब 50 फीट व्यास का गोफ हो गया था। हालात ये है कि झरिया में सड़क फटने तक की घटनाएं हो चुकीं हैं। कोई नहीं जानता कि कब उनकी जिंदगी की शाम हो जाए। यहां रहनेवाले अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं।

    आग प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों की वर्षों से भारत कोकिंग कोल लिमिटेड व झरिया विकास प्राधिकार से यही आस है कि वह उनके दर्द पर मरहम लगाए। उनका पुनर्वास कर दे। पर, झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार की ओर से चल रही पुनर्वास की सुस्त रफ्तार लोगों की आशाओं पर पानी फेर रही है। गोफ और धंसान हो रहे हैं। इंसानी जीवन उसमें समा रहा है।

    जानिए, कब-क्या हुआ

    -शिमलाबहाल बस्ती की मीरा नामक लड़की वर्ष 2006 में पाताल में समा गई। जिस कमरे में वह थी वही जमींदोज हो गया था।

    -चासनाला के उमाशंकर त्रिपाठी वर्ष 2008 में चासनाला साउथ कॉलोनी के इंदिरा चौक मार्ग पर जा रहे थे। तभी जमीन फटी और वे उसमें समा गए।

    -तमिलनाडु से कोयलांचल रोजी रोटी के लिये आया दिवाकर गत वर्ष दोबारी बीजीआर परियोजना में काम के दौरान जमीन में ड्रील मशीन समेत समा गया। उसकी मौत हो गई।

    -16 मई को चासनाला की डेको परियोजना में डोजर मशीन समेत विनोद दास नामक श्रमिक जमीन में समा गया था।

    -अक्टूबर 08 को धर्म नगर झरिया में भू-धंसान में सुंदरी देवी की मौत

    -19 सितंबर 08 को कुजामा में ज्योति नामक बालिका जमींदोज।

    -14 अगस्त 1997 को धर्म नगर की गीता नामक बालिका जमींदोज

    -26 सितंबर 1995 को केन्दुआ के चौरसिया दंपती जमींदोज।

    -वर्ष 1996 में कतरास मोड़ में भू-धंसान की घटना

    -कुसुंडा में 8 जुलाई 08 को धंसान में एक घर जमींदोज

    -जून 99 में सेंट्रल बांसजोड़ा में एक युवक भू-धंसान में मरा

    -11 जनवरी 04 को इडली पट्टी में भू-धंसान में कई घर क्षतिग्रस्त

    -वर्ष 15 में सुदामडीह के चीफ हाउस व ताराबागान इलाके में भू धंसान

    -वर्ष 15 में कुकुरतोपा की बालिका मुस्कान गोफ में गिरने से जख्मी एक हाथ व पैर काटना पड़ा।


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