भाई के बदले जुड़वा बन गया दूल्हा, बवाल
जागरण संवाददाता, धनबाद :
शहनाई बज रही है। दावत में शरीक होने वाले बधाई दे रहे हैं। दुल्हन पक्ष दरवाजे पर दूल्हे और बारातियों के आने का इंतजार कर रहा है। लेकिन एन वक्त पर सीन बदल जाता है, जिस दूल्हा व बारात के स्वागत सत्कार में बाबुल पक्ष के लोग पलक पांवड़े बिछाने वाले थे, वही लोग हाथ-पांव से इनकी 'मरम्मत' में जुटे गए। बारातियों को बंधक बना लिया गया। यह नजारा बुधवार को जोड़ाफाटक रोड स्थित गुरुद्वारा हॉल का था। जहां दो जुड़वा भाईयों की करतूत पकड़ में आ गई थी। हुआ ये था कि दूल्हा अपनी जगह जुड़वा भाई से विवाह कराने के चक्कर में पकड़ा गया।
क्या है मामला : गांधी नगर निवासी अनूप नाग ने अपनी इकलौती पुत्री की शादी चास निवासी प्रदीप कुमार के पुत्र प्रकाश के साथ तय की थी। तिलक में एक लाख रुपये दी गई थी जबकि 29 अप्रैल को बारात आनी थी। तय तारीख को रात में करीब दस बजे बारात आई। गुरुद्वारा हॉल में बारात को ठहराया गया। लड़की वालों ने जोड़ाफाटक सुरेंद्र वाटिका में इंतजाम किया था। वहां मेहमानों को भोजन आदि चल रहा था। बारात भी हॉल से सुरेंद्र वाटिका ही आनी थी। लेकिन रात बारह बजे जब तक बारात नहीं निकली। लड़की के पिता जब दूल्हे के कमरे में गए तो तो उनके होश उड़ गए। प्रकाश अपनी शादी के कपड़े जुड़वा भाई सूरज को पहना रहा था। ये देखकर घर वालों हैरान हो गए। पूछताछ शुरू हुई तो प्रकाश ने बताया कि उसे किसी ने फोन कर शादी नहीं करने की धमकी दी थी। कहा था कि बारात निकालने पर गोली मार देंगे। हालांकि यह सफाई काम नहीं आई। इधर तब तक अन्य लोगों को भी मामले की जानकारी हो गई। थोड़ी देर में ही दूल्हा पक्ष के करीबी लोगों को कमरे में बंद कर दिया गया और धुनाई शुरू कर दी गई। सुबह आजसू नेता अजय नारायण लाल समेत स्थानीय लोगों ने मामले की खबर डीएसपी अमित कुमार को दी। फिर दोनों पक्षों के बीच शादी खर्च करीब छह लाख रुपये अदा करने का समझौता हुआ। दोनों भाईयों के एटीएम में मौजूद एक लाख साठ हजार रुपये तत्काल अदा किया गया जबकि शेष राशि जल्द ही अदा करने का वादा किया गया। -------
मूंछ ने बिगाड़ दिया खेल
धनबाद : यूं तो दोनों जुड़वा भाइयों में कोई खास फर्क नहीं था। लेकिन प्रकाश जिससे शादी तय हुई थी उसकी मूंछ थी लेकिन उसके जुड़वा भाई की मूंछ नही थी। मूंछ के कारण ही मामला पकड़ में आ गया।
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आए थे महज 15 बाराती
धनबाद : लड़की पक्ष के लोगों का कहना है कि पहले सत्तर बाराती आने की बात कही गई थी। लेकिन परिवार वालों को छोड़ कर लगभग 15 बाराती ही आए थे। उनमें से भी सभी रिश्तेदार ही थे।
नहीं छपा था निमंत्रण कार्ड
धनबाद : विवाद होने के बाद जब बारात के लोग फंस गए तो उन लोगों ने भी कई राज उगले। बताया कि इन लोगों ने शादी का कार्ड ही नहीं छपवाया था। यहां तक बारात के समय लड़की के पिता को लड़के के पिता द्वारा निमंत्रण कार्ड देने की रस्म है, वो भी नहीं की गई।
एक युवती थी संदेहास्पद :
शादी समारोह में शामिल लोगों ने बताया कि इस शादी में एक युवती भी आई थी। जिसे ये लोग दूल्हे के रिश्तेदार बता रहे थे। लेकिन कुछ लोग उसे उसकी प्रेमिका भी बता रहे थे। विवाद होने के बाद सबसे पहले वह भाग निकली थी।
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