सभी दलों का कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर जोर
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकी कमांडर बुरहान की मौत के बाद वादी में बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकी कमांडर बुरहान की मौत के बाद वादी में बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए वीरवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दल नीतिगत मतभेदों के बावजूद कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर एक नजर आए। हालांकि प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस ने बैठक को औचित्यहीन करार देते हुए इसका बहिष्कार किया। अलबत्ता, बैठक में मौजूद अन्य सभी दलों ने सर्वसम्मति से तीन सूत्रीय प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के लोगों को पेश आ रही चुनौतियों को हल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने और राज्य में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
शेरे कश्मीरी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में लगभग साढ़े पांच घंटे चली बैठक में मौजूदा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने रियासत के मौजूदा हालात, लोगों को पेश आ रही दिक्कतों, आतंकी ¨हसा, सुरक्षाबलों के तथाकथित अत्याधिक बल प्रयोग से लेकर कश्मीर समस्या के आंतरिक और बाहरी पहलुओं पर खुलकर अपनी बात कही।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार के प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि सभी दलों ने हालात सामान्य बनाने पर अपनी राय दी है। सभी मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि बैठक की शुरुआत में सभी प्रतिनिधियों ने गत आठ जुलाई को कश्मीर में हुए ¨हसा चक्र में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। गहन चर्चा के बाद तीन सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, प्रदेश भाजपा प्रमुख सतपाल शर्मा, माकपा प्रदेश सचिव मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, पैंथर्स पार्टी के हर्ष देव सिंह, पीडीएफ चेयरमैन हकीम मुहम्मद यासीन, डेमोक्रेटिक नेशनलिस्ट पार्टी प्रमुख गुलाम हसन मीर, लोजपा नेता संजय सर्राफ, अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन व निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद और भाकपा नेता एआर टुकुरू ने भाग लिया।
राज्य सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, वनमंत्री चौधरी लाल सिंह, शिक्षा मंत्री नईम अख्तर, सीएपीडी मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली, समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लोन, युवा सेवा मामलों के मंत्री इमरान रजा अंसारी, उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा, पशुपालन मंत्री अब्दुल गनी कोहली, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रो. अमिताभ मट्टू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी और विधि सचिवायुक्त मुहम्मद अशरफ मीर भी मौजूद रहे।
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तीन सूत्रीय प्रस्ताव पारित
पहला : आठ जुलाई 2016 से कश्मीर में पैदा हुए हालात में बड़ी संख्या में लोगों के जख्मी होने व कइयों की मौत पर यह बैठक गहरा शोक जताती है।
दूसरा : संसद के दोनों सदनों में राज्य के मौजूदा हालात पर हुई बहस के दौरान जम्मू-कश्मीर की जनता के प्रति एकजुटता और सहानुभूति की परिलक्षित हुई भावना का सर्वदलीय बैठक ने संज्ञान लिया हैै। यह बैठक आह्वान करती है कि इस राजनीतिक सहमति को जम्मू-कश्मीर के लोगों को पेश आ रही चुनौतियों को हल करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रयास में बदला जाए।
तीसरा : यह बैठक आह्वान करती है कि रियासत में अमन और सुलह की प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए सभी हितधारकों को शामिल किया जाए।
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किस दल ने क्या कहा :
हम सीएम का मौजूदा रूप देखकर हैरान हैं : कांग्रेस
बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि कश्मीर में अमन बहाली के लिए राज्य सरकार की मदद के लिए सर्वदलीय बैठक बहुत जरूरी थी, लेकिन यह बैठक सिर्फ मौजूदा तनाव को शांत करने का एक अल्पकालिक उपाय है। आज शांति हो जाएगी, कुछ दिनों में फिर किसी और मसले पर कश्मीर में अशांति पैदा होगी। कश्मीर में स्थायी अमन बहाली के लिए सभी को मिल बैठकर कश्मीर समस्या का दीर्घकालिक और स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। मीर ने कहा कि राज्य सरकार को राजनीतिक समाधान के लिए आम सहमति बनाने के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए। हमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का इस्तीफा नहीं चाहिए। विपक्ष में रहते हुए महबूबा बहुत ज्यादा सक्रिय थीं, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद हम उनका मौजूदा रूप देखकर हैरान हैं। मीर ने कहा कि बेशक सरकार हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन जमीन पर उनका असर नजर नहीं आता। उन्होंने मांग की कि एक संसदीय दल को कश्मीर के हालात का जायजा लेने आना चाहिए।
हालात के लिए पीडीपी-भाजपा जिम्मेदार : पैंर्थस
पैंथर्स पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह ने कहा कि मौजूदा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ही राज्य के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार है। इस सरकार के आने से कश्मीर में राष्ट्रविरोधी तत्वों का बोलबाला हुआ है, सांप्रदायिक तत्व मजबूत हुए हैं। हालात को सामान्य बनाने के लिए मौजूदा गठबंधन सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर यहां राज्यपाल शासन लगाया जाए।
दूसरे मुल्क को दोषी ठहराकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकता केंद्र : माकपा
माकपा विधायक मुहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि मौजूदा हालात किसी भी तरह से विधि व्यवस्था की समस्या नहीं है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार यही दिखाने का प्रयास कर रही है, जो अनुचित है। तारीगामी ने कहा कि कश्मीर में अमन बहाली का एक ही रास्ता है, कश्मीर समस्या का राजनीतिक समाधान। केंद्र सरकार को कश्मीर के मौजूदा हालात की असलियत और मूल कारणों को समझना होगा। प्रधानमंत्री को संसद में कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए कश्मीरियों को यह संदेश देना चाहिए कि भारत सरकार को कश्मीरियों के दर्द का पूरा अहसास है। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि वह कश्मीरियों को इंसान समझे और किसी दूसरे मुल्क को मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहरा अपनी जिम्मेदारी से न बचे। कश्मीरियों को डराया नहीं जाए। तारीगामी ने कहा कि अगर पुराने तौर तरीके और पुरानी कहानियां ही दोहराई गई तो आने वाले समय में कश्मीर में हालात बहुत ही ज्यादा खतरनाक होंगे।
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