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    नीमूस्लाइड समेत 31 दवाओं के नमूने फेल

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Fri, 16 Jun 2017 09:17 AM (IST)

    सीडीएससीओ ने देशभर में मई महीने के दौरान दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को अलर्ट जारी किया गया है। ...और पढ़ें

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    नीमूस्लाइड समेत 31 दवाओं के नमूने फेल

    सोलन, सुनील शर्मा। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देश के 31 उद्योगों में निर्मित जीवनरक्षक दवाओं के नमूने फेल करार दिए हैं। इनमें 12 सैंपल हिमाचल के उद्योगों के हैं। जिन दवाओं के नमूने फेल हुए हैं, उनका प्रयोग सिरदर्द, सूजन, पेट दर्द, खांसी-जुकाम में किया जाता है।

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    सीडीएससीओ ने देशभर में मई महीने के दौरान दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अलर्ट के बाद उक्त सभी दवाओं का स्टॉक देशभर से वापस मंगवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीडीएससीओ ने देश के सभी राज्यों की ड्रग अथॉरिटी को संबंधित बैच व रिपोर्ट भेजकर दवा निर्माताओं से जवाब मांगने को कहा है। जिन दवाओं के नमूने फेल पाए गए हैं, उनमें टॉर्क फार्मास्यूटिकल की बद्दी के झाड़माजरी में निर्मित नीमूस्लाइड टेबलेट भी शामिल है। इसके अलावा देश के बड़े दवा उद्योगों नवकार, विंग्स फार्मा, बायोजेनेटिक्स, जैग्सन लेबोरेट्री, हिंदुस्तान लेबोरेट्री, मेडिपोल फार्मा व सेलिब्रिटी फार्मा में निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होना हैरान कर रहा है। 

    हिमाचल के ये उद्योग

    हिमाचल प्रदेश के 12 उद्योगों में बनी दवाओं के सैंपल विभिन्न राज्यों की टीम ने फेल करार दिए हैं। इनमें लीबेन लेबोरेट्री झाड़माजरी सोलन का टीके कैबाकटम-1500 इंजेक्शन में धूल व मिट्टी के कण पाए गए। सोलन के कुमारहट्टी स्थित ओयस्टर फार्मा की एसिक्लोविर टेबलेटआइपी 200 एमजी में घुलनशीलता व अन्य कई कमियां हैं। सिरमौर की एमएमजी हेल्थकेयर में निर्मित प्रियोर के इंजेक्शन, विंग्स फार्मास्यूटिकल बद्दी की पैनटप 40 टेबलेट, मेडिपोल फार्मास्यूटिकल बद्दी की सिपोल 250 टेबलेट मानकों पर खराब पाई गई।

    इसी कंपनी एक और बैच भी खराब पाया गया है, जोकि 2016 से 2018 के बीच भेजा गया है। साइपर फार्मा कंपनी बद्दी में निर्मित आइबूप्रोफिन 400, सेलिब्रिटी बायोफार्मा झाड़माजरी जिला सोलन में निर्मित डोमपेरिडोन टेबलेट, बायोजेनेटिक ड्रग्स झाड़माजरी बद्दी में निर्मित लिवोसिट्रिजिन टेबलेट, नवकार लाइफ सांइस जीएमपी सर्टिफाइड बद्दी स्थित उद्योग में निर्मित लिवोसिट्रिजिन हाइड्रोक्लोराइड एंड मोंटेल्यूकास्ट सोडियम, प्रीत रेमीडीज बद्दी स्थित उद्योग में निर्मित मीटोप्रोलोल सुसीनेट एक्सटेंडिड रिलीज टेबलेट गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरीं।

    प्रदेश में निर्मित दवाओं के कुछ सैंपल फेल हुए हैं। सबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं व जवाब मांगा गया है। कसौटी पर खराब उतरी दवाओं के स्टॉक को देशभर से वापस मंगवाने का निर्देश जारी किए गए हैं। 

    -नवनीत मरवाहा, राज्य दवा नियंत्रक 

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