जंगली जानवरों को देखने की है हसरत तो करें हिमाचल के इन नेशनल पार्को की सैर
प्रदेश में पांच नेशनल पार्क हैं। इनमें से ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। ...और पढ़ें

शिमला, जेएनएन। हिमाचल के नेशनल पार्कों में रात को ठहरने और जंगली जानवरों को देखने की हसरत अब पूरी होगी। प्रदेश में पहली बार इस तरह की व्यवस्था शुरू की जा रही है। वन्य प्राणी विभाग ने प्रदेश के दो नेशनल पार्क ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू व सिंबलबाड़ा सिरमौर में इस तरह की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए करीब 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में पांच नेशनल पार्क हैं। इनमें से ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। इस पार्क सहित सिंबलबाड़ा नेशनल पार्क पांवटा साहिब (सिरमौर) में इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत पर्यटकों के ठहरने के लिए हटों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। नेशनल पार्कों में ट्रैकिंग की सुविधा भी की जा रही है, जिसके लिए विशेष ट्रैक बनाए जाएंगे। इस पर कार्य आरंभ कर दिया गया है।
वन्य प्राणियों की हैं कई प्रजातियां

पार्कों में विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, बर्फीला तेंदुआ, घोरल अति दुर्लभ पक्षी जुजुराना, मोनाल, कोकलास सहित पशु-पक्षियों की कुल 300 प्रजातियां पाई जाती हैं। तेंदुओं की भी यहां भरमार है। नौ तरह के मेंढक, 12 तरह के सांप, पक्षियों की तीन ऐसी प्रजातियां जो विश्व में खत्म होने की कगार पर हैं, पार्कों में पाई जाती हैं।

मॉडल बताएगा नेशनल पार्क में कहां क्या
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू जो 90540 हेक्टेयर यानी करीब 1171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पार्क का 754.4 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर जोन, 265.6 वर्ग किलोमीटर ईको जोन में व 61 वर्ग किलोमीटर तीर्थन वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी व 90 किलोमीटर वर्ग का क्षेत्र सैंज सेंक्चुअरी में आता है। पार्क में पर्वत शृंखला रखुंडी टॉप, घुमतराओ तीर्थन, पातल मुझोणी आदि आते हैं। इस पार्क में कहां नदी
है कहां घाटी, कहां कौन से जंगली जानवर होते हैं। इस सबको एक मॉडल में प्रदर्शित किया जाएगा। इस मॉडल
के आधार पर लोग अपनी पसंदीदा जगह को देख सकेंगे।
कुल्लू और सिंबलबाड़ा नेशनल पार्क

पांवटा साहिब (सिरमौर) को विकसित किया जा रहा है। इन पार्क में रात को ठहरने के साथ जंगली जानवरों को
देखने की व्यवस्था भी होगी। साथ ही ट्रैकिंग की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
-तरुण कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव
वन एवं पर्यावरण।
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