तीन साल भूल जाइए प्रदेश में किडनी का इलाज
राज्य ब्यूरो, शिमला : अगर आपकी किडनी खराब है और प्रदेश में ही इलाज करवाना चाहते हैं तो आपको तीन स
राज्य ब्यूरो, शिमला : अगर आपकी किडनी खराब है और प्रदेश में ही इलाज करवाना चाहते हैं तो आपको तीन साल इंतजार करना पड़ेगा। ऐसा विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सामने आया। सदन में चर्चा के दौरान विपक्षी भाजपा विधायकों ने सुझाव दिया कि दूसरे शहरों में जहां भी हिमाचली विशेषज्ञ डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांट करते हैं, उन्हें प्रदेश में सेवाएं देने के लिए न्योता दिया जाए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने सदन को बताया कि सरकार ने ऐसा प्रयास किया था मगर यहां पर कोई भी किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला विशेषज्ञ आने को तैयार नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार तीन साल के भीतर प्रदेश के आइजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करने की सुविधा शुरू कर देगी। डॉ. राकेश चौहान को चंडीगढ़ पीजीआइ में प्रशिक्षण किडनी ट्रांसप्लांट करने का प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा गया है। यदि पीजीआइ के डॉक्टरों ने डॉ. राकेश चौहान को ट्रांसप्लांट के योग्य पाया तो प्रदेश में मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। भाजपा विधायक डॉ.राजीव सहजल के सवाल पर कौल सिंह ने कहा कि सरकार भी चाहती है कि प्रदेश में ऐसी सुविधा उपलब्ध हो। भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज व सतपाल सिंह सत्ती का सुझाव था कि दूसरे राज्यों से प्रशिक्षित डॉक्टरों की व्यवस्था की जाए।
सरकारी नौकरी और निजी प्रेक्टिस सहन नहीं होगी : कौल सिंह
सरकारी नौकरी के दौरान निजी प्रेक्टिस करने वाले कर रहे हैं और निजी प्रेक्टिस भी चलाए हुए हैं। इस तरह के एक सवाल पर कौल सिंह ने कहा कि निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसी भी डॉक्टर की शिकायत आने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी प्रेक्टिस करने से जुडे़ मामले सामने आए हैं, ऐसे सभी मामलों में डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने चंबा जिला में डाक्टरों द्वारा निजी प्रेक्टिस करने के विधायक रविंद्र रवि द्वारा उठाए गए अनुपूरक सवाल पर कहा कि वहा के ऐसे डाक्टरों को नोटिस जारी हुए हैं तथा उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।