ढहे भवन की मंजिलों पर असमंजस
अजय बन्याल, शिमला हाटकोटी कैंची मोड़ पर गिरा भवन कितना मंजिला था, यह अपने आप में पहेली बन गई है। जि
अजय बन्याल, शिमला
हाटकोटी कैंची मोड़ पर गिरा भवन कितना मंजिला था, यह अपने आप में पहेली बन गई है। जिला प्रशासन इसे तीन मंजिला भवन बता रहा है जबकि प्रत्यक्षदर्शी चार मंजिला तो कोई इसे पांच मंजिला बता रहा है। प्रश्न यह है कि ऐसे में प्रशासन तीन मंजिला भवन बताने पर ही क्यों अटका रहा।
सूत्रों के अनुसार भवन में चल रही दुकानों में किराये को लेकर भी विवाद था। इसके साथ ही अतिक्रमण का मामला भी इस भवन से जुड़ रहा है। भवन में केवल दो मंजिलें ही पूरी तरह तैयार हो चुकी थीं जो सड़क से नीचे थीं। इसके अलावा इसके ऊपर केवल छतें डाली गई थीं। अगर भूमि का अतिक्रमण हुआ होगा तो कोई भी राहत राशि मकान मालिक को नहीं मिल पाएगी। हालांकि प्रशासन ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश देकर भवन का रिकॉर्ड देखने को कह दिया है। वीरवार को यह साफ हो पाएगा कि भवन निर्माण में भूमि का अतिक्रमण तो नहीं हुआ है मगर इस भवन को लेकर विवाद पिछले कई सालों से चल रहा था। भवन करीब 15 साल पुराना था। भवन के अधिकांश हिस्से पर हार्डवेयर का सामान था। इसके अलावा बीयर बार और एक अन्य दुकान थी। हैरानी की बात यह है कि अगर उक्त भवन अतिक्रमण में निकला तो प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ जाएगी कि कैसे भूमि पर निर्माण होता रहा और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भवन के संबंध में नहीं सटीक जानकारी
भवन कितना मंजिला है, इस संबंध में सटीक कुछ नहीं कह सकता हूं। फिलहाल राहत कार्य में व्यस्त हूं। भवन को कोई पांच मंजिला बता रहा है तो कोई तीन मंजिला। यह रिकॉर्ड देखकर ही पता चलेगा कि भवन कितनी मंजिला है। इसके अलावा भवन के निर्माण में भूमि के अतिक्रमण के संबंध में राजस्व विभाग का रिकॉर्ड देखकर की कुछ कह पाउंगा। इस मामले में वीरवार को जानकारी दे पाऊंगा।
वाईएस शर्मा, एसएडीएम, रोहड़ू
एनडीआरएफ की राह में खस्ताहाल सड़क बनी बाधा
एनडीआरएफ की टीम भले ही शिमला में स्थापित कर दी गई है मगर यह टीम पहली ही परीक्षा में फेल हो गई। नौ बजे तक टीम मौके पर पहुंच ही नहीं पाई। हालांकि उपायुक्त ने दावा किया कि टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। रोहड़ू के एसडीएम ने बुधवार पांच बजे के करीब एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया था। हाटकोटी तक पहुंचने के लिए खस्ताहाल सड़क इस टीम के लिए बाधा बन गई। खड़ापत्थर से आगे सड़क की दयनीय स्थिति ने टीम की रफ्तार रोक दी। अगर टीम मौके पर जल्द पहुंच जाती तो राहत कार्य में तेजी आ सकती थी मगर स्थानीय प्रशासन और स्थानीय लोग ही मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने में जुटे हुए थे।
पीड़ितों को हर संभव सहायता
उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि तीन मंजिला मकान बारिश के कारण ढहा है। प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंच कर राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर आरंभ किया। पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर हैं। एनडीआरएफ का 19 सदस्यीय दल सुन्नी से इंसपेक्टर श्रवण की अगुवाई में राहत व बचाव कार्य के लिए घटनास्थल के लिए रवाना हुआ है।
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