मेडिकल साइंस ने बनाया कामयाबी का कीर्तिमान
मेडिकल साइंस में इस साल हुई प्रमुख उपलब्धियों और प्रगति से संबंधित दूसरी कड़ी पेश कर रहे हैं विवेक शुक्ला 'बॉयोनिक आई' ने किया कमाल
मेडिकल साइंस में इस साल हुई प्रमुख उपलब्धियों और प्रगति से संबंधित दूसरी कड़ी पेश कर रहे हैं विवेक शुक्ला
'बॉयोनिक आई' ने किया कमाल
उन रोगियों के लिए यह राहतभरी खबर है, जो रेटिनाइटिस पिग्मेनटोसा नामक बीमारी से ग्रस्त हैं। इस बीमारी की गंभीर स्थिति में अधिकतर रोगियों की आंखों की 40 साल की उम्र तक रोशनी चली जाती है। पीडि़त व्यक्ति अंधा हो जाता है, लेकिन एक नई तकनीक 'रेटिनल प्रोस्थीसिस' (जिसे आम तौर पर 'बॉयोनिक आई' कहा जाता है) ने इस रोग से पीडि़त व्यक्तियों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है। हालांकि इस तकनीक से जा चुकी दृष्टि पूरी तरह वापस नहीं आती, लेकिन इसकी मदद से पीडि़त व्यक्ति प्रकाश और अंधकार के बीच फर्क को महसूस करने लगता है और किसी स्थान या लोगों की गतिविधियों को महसूस करने लगता है।
हेपेटाइटिस सी की नई दवा
जो लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त हैं, उनके लिए उम्मीद की किरण सामने आयी है। सन 2011 तक हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त उन लोगों के लिए (जिन पर इस रोग की पहले से प्रचलित दवाएं कारगर नहीं हो रही थीं) दो नई दवाएं काफी राहत वाली साबित हुईं थीं। ये दवाएं थीं- टेलैप्रेवीर और बोसीप्रेवीर(ये दवाओं का ब्रांड नेम नहीं है), लेकिन अब सोफसब्यूवीर नामक आधुनिक दवा पूर्ववर्ती दवाओं से बेहतर परिणाम दे रही हैं। इस दवा के साइड इफेक्ट बहुत कम हैं और ये रोगियों पर पूर्ववर्ती दवाओं से कहींज्यादा कारगर है। फिलहाल ये दवा काफी महंगी है।
आधुनिक एनेस्थीसिया प्रबंधन तंत्र
इस नए एनेस्थीसिया मैनेजमेंट सिस्टम के प्रचलन में आने से सर्जन्स और एनेस्थीसिया देने वाले विशेषज्ञों को ऑपरेशन कक्ष में काफी मदद मिलेगी। उन्हें ऑपरेशन के दौरान निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी। इस सिस्टम से सर्जन्स को ऑपरेशन के पूर्व व इसके दौरान और ऑपरेशन के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी।
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