अब सिरसा में सरस्वती का प्रवाह खोज रही हरियाणा सरकार
हरियाणा सरकार अब सिरसा जिले में सरस्वती नदी का प्रवाह खोज रही है। इसके लिए हरसेक ने सेटेलाइट के माध्यम से प्रवाह के बिंदु खोज चिह्नित किए हैं।
सिरसा, [सुधीर आर्य]। सरस्वती नदी का प्रवाह लौटाने के प्रयास में जुटे विज्ञानियों को सफलता मिली है। हरसेक (हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) ने सेटेलाइट के माध्यम से सिरसा के बेगू रोड व फतेहाबाद के भिरड़ाना में इसके प्रवाह के बिंदु खोज निकाले हैं। अब जिला प्रशासन इन बिंदुओं को धरातल पर तलाशने में जुटा है।
सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड ने सेटेलाइट मैप से मिले इनपुट के आधार पर कार्य तेज कर दिया है।
हरसेक ने गूगल मैप के सहारे एक इन बिंदुओं को चिह्नित किया और सरस्वती के प्रवाह की संभावनाएं जताई। सिरसा प्रशासन ने अब सरस्वती नदी को खोजने के लिए दी गई जगह को ढूंढने का काम शुरू कर दिया है। दो तहसीलदारों के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम दो दिन से तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से प्रवाह बिंदु को खोज रही है।इतिहास में सरस्वती का उल्लेख है और हरसेक ने नासा की मदद से उसका नक्शा तैयार कर लिया है।
हरसेक ने खोजे सिरसा व फतेहाबाद में सरस्वती के प्रवाह स्थल
यमुनानगर के आदि बद्री में उसका उद्गम स्थल खोजने के बाद सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड उसके पुनर्जीवन में लगा है। 3 जून को चंडीगढ़ में हुई बैठक में सिरसा और फतेहाबाद में सरस्वती नदी के अलग-अलग जगह बताई गई है। फतेहाबाद के गांव भिरड़ाना तथा सिरसा के शहर के समीप बेगू रोड पर जगह चिह्नित की गई है जहां सरस्वती नदी होने के प्रमाण मिल सकते हैं।
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यह है सरस्वती का प्रवाह
हरसेक द्वारा तैयार नक्शे के अनुसार यमुनानगर के आदि बद्री से शुरू नदी कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद व सिरसा से होकर राजस्थान में प्रवेश करती है। इसी संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रदेश में सरस्वती नदी के पुनर्जन्म पर कार्य शुरू हुआ। विशेषज्ञों के अनुसार प्रख्यात कुनाल सभ्यता भी सरस्वती के किनारे बसी हुई थी।
टीम खोज रही बिंदु
सिरसा में प्रवाह का बिंदु बेगू रोड पर बनता है। इसके लिए ऐलनाबाद के तहसीलदार संजय चौधरी, डबवाली के तहसीलदार विजय मोहन स्याल, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के अधिकारी व सदर कानूनगो को लिया गया है। प्रथम दिन बेगू रोड पर इस जगह को ढूंढने के लिए अधिकारी लगे रहे। दूसरे दिन तय हुआ कि टोटल सर्वे मशीन के सहारे ही सही बिंदु सामने आ सकता है। गूगल मैप के हिसाब से तकनीकी विशेषज्ञ क्षेत्र की सही पहचान करेंगे।
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30 गुणा 30 मीटर पर होंगे बोरवेल
हरसेक द्वारा सुझाए बिंदु मिलने के बाद 30 गुणा 30 मीटर जगह को प्रशासन अपने कब्जे में लेगा। इसके लिए भूस्वामी की मंजूरी ली जाएगी। उसमें खोदाई के आधार पर प्रवाह खोजा जाएगा।
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'' सरस्वती नदी की खाेज के सिलसिले में कुछ इनपुट मिले हैं इसके लिए गूगल मैप के सहारे सही जगह को ढूंढ रहे हैं। फिर वहां बोरवेल किया जाएगा। सिरसा की एक जगह ऐसी बताई गई है जहां बोर्ड को सरस्वती नदी के संबंध में महत्वपूर्ण प्रमाण मिलने की संभावनाएं नजर आई हैं। अभी इस पर काम कर रहे हैं।
-बिजेंद्र भारद्वाज, डीआरओ।
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