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    दो समुदायों के बीच फिर भड़का दंगा

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    Updated: Thu, 20 Feb 2014 10:50 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, सिरसा : संत रविदास का पोस्टर फाड़ने को लेकर हुआ विवाद बृहस्पतिवार को फिर भड़क गया। सैकड़ों लोग घरों से बाहर निकल आए और एक-दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे। दंगा इतना फैला कि मौके पर पहुंची पुलिस बेबस हो गई और हालात काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस दंगे में लगभग 15 लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

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    बुधवार देर शाम को रानियां रोड पर संत रविदास का पोस्टर फाड़ने को लेकर रविदास समुदाय व शोरगर समुदाय के बीच झगड़ा हो गया और दोनों तरफ से पत्थर चले। हालांकि पुलिस ने रात को हालात काबू कर लिया था। लेकिन बृहस्पतिवार सुबह एक समुदाय ने थाना में वार्ता से पूर्व बैठक रख दी जोकि बैठक से पूर्व ही फिर हालात बिगड़ गए। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया हुआ था लेकिन थाने पहुंचने की बजाय दोनों समुदाय अचानक आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे। लोग घरों की छतों से भी पत्थर बरसाने लगे जबकि एक-दूसरे के दरवाजों पर भी पत्थर मारे गए हैं। पत्थरबाजी की इस घटना को रोकने के लिए भारी पुलिस बल मौके पर बुलाया गया और भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को दूर तक खदेड़ा और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। सूचना के बाद डीसी डॉ. जे.गणेसन, एसएसपी सौरभ सिंह, एडीसी शिव प्रसाद शर्मा, एएसपी राजेंद्र सिंह मीणा व दूसरे अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों पक्षों को खदेड़ने के तुरंत बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी और रानियां रोड को बंद कर दिया। प्रशासन ने मौके पर ही रहकर दोनों पक्षों के वरिष्ठ लोगों से बातचीत भी शुरू कर दी। शहर की शांति कमेटी के सदस्य जगदीश चोपड़ा व सुरेंद्र भाटिया सहित दूसरे वरिष्ठ नागरिक भी विवाद के समाधान में जुट गए।

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    हालात बेकाबू

    बुधवार रात की घटना के बाद मामला कुछ शांत हुआ वहीं बृहस्पतिवार को एक बार फिर से हालात बेकाबू हो गए। दोनों पक्षों को सुलह के लिए बुलाया गया था मगर दोनों पक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने आकर पत्थरबाजी करने लगे जिसमें शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह व सीआइए प्रभारी अरुण बिश्नोई छह अन्य जवानों के साथ बीच में आ गए और एक-दूसरे को खदेड़ने का प्रयास करने लगे लेकिन पत्थरबाजी होने से भीड़ बढ़ गई। जिसमें पुलिस कर्मचारियों को भी हल्की चोट आई हैं। करीबन आधे घंटे बाद एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने बेकाबू हालात के बीच पत्थरबाजी को रुकवाने का प्रयास किया जिसमें उन्हें भी चोट लगी है। डीएसपी ने छतों से हो रही पत्थरबाजी को रोकने के लिए छत पर चढ़ गए और वहां से पत्थर बरसा रहे लोगों को दूर भगाया।

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    हालात काबू में : एसएसपी

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ सिंह ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह दोनों पक्षों में फिर झगड़ा हुआ और पत्थर बरसाए गए हैं। इस झगड़े में कई लोगों को चोटें आई हैं। यहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और दोनों पक्षों के वरिष्ठ नागरिकों से पुलिस बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी अराजकता फैलाने का प्रयास किया है पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

    दहशत में आए स्कूली बच्चे व स्टाफ

    दंगा भड़कने के दौरान दोनों ओर से पत्थर बरसने लगे। दोनों पक्षों के ठीक बीच में सड़क के एक ओर स्कूल है। इस स्कूल में करीबन 700 बच्चे पढ़ रहे थे कि अचानक शोर-शराबे व पत्थर बरसने की घटना के बीच अध्यापकों ने स्कूल का बाहरी गेट बंद कर दिया और बच्चों को खुले मैदान से तत्काल कमरों में शिफ्ट कर दिया और खिड़की-दरवाजे बंद करवा दिए गए ताकि पत्थर यहां किसी को न लग पाए। स्कूल स्टाफ ने बताया कि करीबन दो घंटे तक वे पूरी तरह दहशत में रहे हैं।

    दरवाजा टूटता तो हो जाती बड़ी जन हानि

    भारी भीड़ ने एक मकान का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि घर में मौजूद सदस्यों ने अंदर की तरफ से दरवाजे को मजबूती से स्पोट दे रखी जिसके चलते दरवाजा टूट नहीं पाया। बताया जाता है कि दरवाजे पर लाठी व तलवारें भी मारी गई हैं। यदि दरवाजा टूट जाता तो एक बड़ी जन हानि हो सकती थी।

    पुलिस चूक भी रही

    रात का घटनाक्रम सुबह फिर दोहराया जाना सुरक्षा व्यवस्था की चूक कही जा सकती है। सुबह जब दंगा भड़का तो वहां पुलिस के चंद जवान थे वो भी कुछ देर पहले ही वहां पहुंचे थे। यदि रात्रि के बाद ही पुलिस यहां निगरानी करती तो सुबह यह घटना नहीं हो सकती थी। हालांकि पुलिस इस चूक को मानने को तैयार नहीं थी।

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