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पीजीआइ में निजी संस्‍थान के डायरेक्टर ने फर्जी डिग्री पर की नौकरी

राेहतक पीजीआइ में एक निजी चिकित्‍सा संस्‍थान के निदेशक ने करीब तीन साल तक फर्जी डिग्री पर नौकरी की। मामला सामने आने पर उसे हटा दिया गया, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 01:46 PM (IST)
पीजीआइ में निजी संस्‍थान के डायरेक्टर ने फर्जी डिग्री पर की नौकरी

रोहतक, [सर्वेंद्र पुंडीर]। प्रदेश के एकमात्र पीजीआइ पंडित भगवत दयाल शर्मा आयुर्विज्ञान संस्थान में एक निजी शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर तीन वर्ष तक फर्जी डिग्री पर नौकरी करके चला गया, लेकिन प्रबंधन ने कार्रवाई करना तो दूर मामला ही दबा दिया। अब यह मामला खुफिया और मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते के संज्ञान में आया है। उडऩदस्ते ने पीजीआइ से रिकार्ड कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते की टीम के पहुंचने के बाद पीजीआइ प्रबंधन भी हरकत में आ गया है।

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दरअसल, रोहतक के एक मेडिकल शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर ने कांग्रेस शासनकाल यानि वर्ष 2012 में पीजीआइएमएस में सेंट्रल स्पेशल स्टरलाइजेशन सेंटर में बतौर सुपरवाइजर ज्वाइन किया था। 2014 में किसी ने उनकी शिकायत की। शिकायत में कहा गया कि उक्त डायरेक्टर फर्जी कागजात पर सुपरवाइजर पद पर नौकरी कर रहा है।

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उसने बताया था कि वह छत्तीसगढ़ की सीवी रमन यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री प्राप्त है। इस पर पीजीआइएमएस के पूर्व वीसी वीके जैन ने एक टीम छत्तीसगढ़ भेजी। यूनिवर्सिटी ने लिखकर दे दिया कि उक्त व्यक्ति ने उनके यहां से बीएससी नहीं की है। इसके बाद पीजीआइ प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए इसी साल के शुरू में प्राइवेट शिक्षण संस्थान के निदेशक को नौकरी से निकाल दिया। लेकिन, फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का मामला सामने आने पर भी उसके खिलाफ कोई रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई गई।

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इस संबंध में बीते कई दिनों से मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम को सूचना मिल रही थी। सोमवार को उड़नदस्ते की टीम पीजीआइ पहुंची और उक्त डायरेक्टर का रिकॉर्ड मांगा। टीम के साथ खुफिया विभाग की टीम भी थी। दोनों टीमों ने सारा रिकॉर्ड को अपने कब्जे में ले लिया है।

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15 लोगों से की पूछताछ

पीजीआइएमएस के जिस विभाग से खुफिया विभाग और मुख्यमंत्री उडऩ दस्ते की टीम ने रिकॉर्ड तलब किया है, वहां पर काम करने वाले 15 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई। यह दोनों टीमें सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक यहां पर रही।
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'' मैं अभी चंडीगढ़ मीटिंग से लौट रहा हूं। टीम पीजीआइएमएस में गई थी या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। फर्जी डिग्री पर नौकरी करने पर रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए। खुद इस मामले का पुराना रिकॉर्ड देखूंगा। यदि उस समय रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है तो अब जांच के बाद कराई जाएगी।
-डॉ. ओपी कालरा, कुलपति, पंडित बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी, रोहतक।


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