स्कूल प्राध्यापक दो फाड़, हसला से अलग यूनियन बनाने का निर्णय
जागरण संवाददाता, रोहतक : अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे स्कूल प्राध्यापकों में गुटबाजी हावी हो रह
जागरण संवाददाता, रोहतक : अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे स्कूल प्राध्यापकों में गुटबाजी हावी हो रही है। स्थानांतरण को लेकर स्कूल प्राध्यापकों की एक बैठक रविवार को मानसरोवर पार्क में हुई। जिसमें हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन पर उनकी मांगों के प्रति ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अनेक प्राध्यापकों ने अलग यूनियन बनाने का निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए हसला के पूर्व उप प्रधान सुनील ¨सह नेहरा ने बताया कि अब भी बड़ी संख्या में प्राध्यापक अपने घरों से 150 से 200 किलोमीटर दूर हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हसला के पदाधिकारी इन प्राध्यापकों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। मजबूर होकर 2008, 2012 और 2013-2014 के स्कूल प्राध्यापकों ने अलग संगठन बनाने का निर्णय लिया है। 26 जुलाई को बैठक कर नई यूनियन का ऐलान किया जाएगा।
दोपहर को हुई बैठक में मुख्य मुद्दा रहा कि स्कूलों में सभी विषयों के पदों को भरा जाए जाए ताकि दूर-दराज क्षेत्रों में नियुक्त प्राध्यापक अपने गृह जिले में आ सके। वहीं, हसला द्वारा भेदभाव को लेकर भी प्राध्यापकों ने असंतोष जताया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 26 जुलाई को बैठक कर नई यूनियन की घोषणा की जाएगी। इसमें जिलों के प्राध्यापक व प्राध्यापिकाएं भाग लेंगे। इस अवसर पर सुनीता हुड्डा, सुनीता डबास, कांता, रश्मि, संतोष, सरोज बाला, संदीप शर्मा, अशोक शर्मा, मेहर ¨सह, बिजेंद्र हुड्डा, बिजेंद्र सिवाच और अजय मलिक आदि उपस्थित रहे।
यह हैं प्राध्यापकों की मांगें
कपल केस के नंबर पांच से बढ़ाकर 10 किए जाएं और इसमें महिला एवं पुरुष में से किसी एक को लाभ दिया जाए। पीजीटी का पदनाम बदलकर लेक्चरर रखा जाए। लेक्चरर का प्रिंसिपल में प्रमोशन कोटा 80 से बढ़ाकर 95 प्रतिशत किया जाए। नेट क्वालीफाइड व पीएचडी जैसी कॉलेज की योग्यता रखने वाले प्राध्यापकों को पदोन्नति करके स्कूल से कॉलेज में भेजा जाए। इसके अलावा स्कूलों में प्राध्यापकों के सभी पद भरे जाएं।