अय्याशी के लिए एसआइ का बेटा बना अपराधी गिरोह का सरगना
अय्याशी और घूूमने-फिरने के लिए एक पुलिसकर्मी का बेटा अपराधी गिरोह चला रहा था। वह तीन अन्य युवकों के साथ मिलकर पहले नकदी और कार लूटता था। वह लूट की कार से पर्यटक स्थलों पर जाता था
जेएनएन, पानीपत। एक पुलिसकर्मी का बेटा हत्या करने के बाद कार लूटने वाला गिरोह का सरगना निकला है। कहने को तो वह प्रॉपर्टी डीलिंग की आड़ में हत्या और लूट का धंधा चला रहा था। वह फरीदाबाद व सोनीपत सहित कई जगहों पर अपराध कर चुका था। गिरोह सदस्य लूट का यह धंधा मौज-मस्ती के लिए धन जुटाने के लिए करते थे। वे लूट करने के बाद शिमला, मसूरी जैेस पर्यटक स्थलों पर जाकर जमकर ऐश करते थे।
लूट के पैसे और से शिमला, मसूरी जैसे पर्यटक स्थलों पर करते थे ऐश
पुलिस ने गिरोह के सरगना मुंडलाना निवासी दीपक उर्फ सोनू सेवानिवृत्त एसआइ कृष्ण का बेटा है। वह फरीदाबाद में चार और खरखौदा में लूट की एक वारदात को अंजाम दे चुका है। उसने दो महीने पहले गौतम कालोनी के नीरज, साहिल और आहुलाना गांव के शिवराज के साथ अपना गिराेह बनाया था।
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गैंग बनाने के बाद दीपक और तीनों कार व नकदी लूटते थे। इसके बाद वे कार से शिमला, मसूरी और हरिद्वार में मस्ती करने जासते थे। इसी क्रम में साहिल, नीरज और शिवराज ने कार चालक नैनीताल के कन्हेड़ी गांव के प्रदीप की गोली मारकर हत्या कर दी थी और कार व नकदी लूटी। इसकी मामले में वे पकड़े गए तो उनको अपराधों का खुलासा हुआ।
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सोनीपत पुलिस ने नीरज, साहिल व शिवराज को तमंचे सहित गिरफ्तार किया था। वहीं उरलाना चौकी प्रभारी श्रीभगवान व उसकी टीम ने दीपक को खरखौदा से गिरफ्तार किया।
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पुलिस के अनुसार उत्तराखंड निवासी प्रदीप गुडग़ांव के प्रदीप की कार चलता था। 19 जुलाई को प्रदीप गुडग़ांव से सवारी लेकर गोहाना पहुंचा। कार में अाए लोग एक आश्रम में चले गए और बाहर प्रदीप कार में ड्राइवर वाली सीट पर सो गया। इसी दौरान साहिल, नीरज और शिवराज आश्रम के पास पहुंचे और उन्होंने प्रदीप से कहा कि वह उन्हें हरिद्वार लेकर चले। प्रदीप ने मना कर दिया।
इस पर उन्होंने प्रदीप की गोली मारकर हत्या कर दी। शव को पीछे की सीट पर डालकर वे कार लेकर फरार हो गए। उनको शव को नहर में फेंकना था। उनको लोगों की हलचल के कारण इकसा मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी दीपक को दी। दीपक अपनी इंडेवर गाड़ी लेकर उनके पीछे चल दिया।
वे बरौदा, ठसका माहरा, मुडलाना से होते हुए कुराना गांव के पास पहुंचे। तभी गुडग़ांव निवासी प्रदीप ने गाड़ी में लगे जीपीएस से गाड़ी को बंद कर दिया। इसके बाद दीपक ने कार को अपनी गाड़ी से टोचन कर लिया। रास्ते में एक बाइक सवार ने इशारा किया कि आगे पुलिस है। आनन-फानन दीपक व उसके साथियों ने शव समेत लूटी कार को छोड़ दिया और चालक की जेब से पांच हजार रुपये निकालकर भाग निकले।
इंडेवर से पकड़ में आया सरगना
जिस तरह से प्रदीप की हत्या की गई थी, उससे पुलिस को शक था गिरोह नया है। अहर के किसानों ने बताया कि तीन युवक काले रंग की गाड़ी से भागे हैं। उरलाना चौकी प्रभारी श्रीभगवान व उसकी टीम गाड़ी की तलाश में जुट गए। गोहाना में उन्हें पता लगा कि इस तरह की गाड़ी दीपक के पास है।
इसके बाद से पुलिस की टीम ने दीपक का पीछा किया और उसे दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि दीपक व उसके साथी को लूट की वारदातों से जो नकदी मिलती थी उसे अय्याशी व महंगे जूते व कपड़े की खरीदारी में उड़ा देते थे।
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