कैप्टन अजय यादव ने जाट आंदोलन में दर्ज केस वापस लेने का जताया विरोध
हरियाणा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अजय यादव ने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने वालों पर दर्ज केस वापस लेने की सिफारिश का विरोध जताया है। ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। पिछले साल जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने वाले आरोपियों पर आपराधिक केसों को वापस लेने के लिए जहां जाट समुदाय दबाव बना रहा है, वहीं सियासी गलियारों में इसका विरोध शुरू हो गया है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव ने कहा कि अगर आरोपियों से केस वापस लिए गए तो यह हिंसा पीडि़तों के साथ सरासर अन्याय होगा।
मामले के समाधान के लिए गठित चार सदस्यीय कमेटी की अगुवाई कर रहे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने दो दिन पहले कहा था कि सरकार जाटों से हुए समझौते को परवान चढ़ाने के लिए गंभीर है। जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने भी हाल ही में आरोपियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की बात कही थी।
सरकार की तैयारी पर सवाल उठाते हुए कैप्टन यादव ने कहा कि उन्हें हिंसा में मारे गए लोगों को सरकारी नौकरियां देने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन हिंसा के आरोपियों पर दर्ज आपराधिक केसों को वापस लेना आगजनी में मारे गए लोगों के परिजनों और खून-पसीने से कमाई गई संपत्ति को खो चुके हजारों लोगों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता इसे सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि क्या सरकार इसी तरह के मामले में आरोपी पूर्व विधायक रोशन लाल आर्य से केस वापस लेगी। जहां तक आरक्षण का सवाल है, वह पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर केंद्रित रहकर ही किया जा सकता है।

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