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    प्लस टू को डीएसपी और बीए पास को क्लर्क बनाने का क्या है आधार : हाईकोर्ट

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 21 Jul 2017 11:00 AM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खेल नीति कि तहत हरियाणा में नौकरी देने में भेदभाव पर सवाल उठाए हैं। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से इस संबंध में जवाब तजब किया है।

    प्लस टू को डीएसपी और बीए पास को क्लर्क बनाने का क्या है आधार : हाईकोर्ट

    चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। पंजाब एवं ह‍रियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में खेल नीति के तहत नौकरी देने के आधार पर कड़े सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट ने इसमें भेदभाव पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि खेल नीति के तहत नौकरी देने का अाधार क्या है और यह कैसे बनाया गया है। इस नीति में प्लस टू को डीएसपी और बीए पास को क्लर्क बनाने का प्रावधान कैसे किया गया है। क्या इस नीति को बनाने वालों ने शैक्षिक योग्यता का कोई मापदंड ही नहीं रखा।

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     हरियाणा में खेल नीति के तहत नौकरी देने में भेदभाव पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में खेल कोटे के तहत नियुक्ति देने में योग्यता को अनदेखा करने के बारे में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। हाई कोर्ट की जस्टिस दया चौधरी ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

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    हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि वह हलफनामा दायर कर बताए कि सरकार ने खेल कोटे के तहत नौकरी देने की नीति में क्या शैक्षिक योग्यता निर्धारित की है। अगर यह योग्‍यता तय की गई है तो एक जैसी योग्यता वाले खिलाडिय़ों को अलग अलग ग्रुप की नौकरी क्यों दी गई। अगर नीति में शैक्षिक योग्यता को नजरअंदाज किया गया तो क्यों। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को 5 सितंबर तक इस बाबत विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया है।

    फतेहाबाद की कबड्डी खिलाड़ी का है मामला

    फतेहाबाद निवासी कबड्डी खिलाड़ी रेणु ने खेल कोटे के तहत नौकरी के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने पिछले साल रेणु की याचिका का निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ता की मांग पर राज्य की खेल नीति के तहत उचित निर्णय ले। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने रेणु को नौकरी नहीं दी। इस पर उसने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।

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    अवमानना याचिका पर सरकार ने जवाब दायर कर कोर्ट को बताया कि रेणु का मामला मंत्रिमंडल की सब कमेटी के पास विचाराधीन है। सब कमेटी के निर्णय के बाद याची को नियुक्ति दे दी जाएगी। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने उसको ग्रुप सी की क्लर्क के पद पर नियुक्ति देने का विचार किया है। रेणु के वकील ने इस पर कहा कि रेणु के स्‍तर के खिलाड़ी को उससे कम शैक्षिक योग्यता के बावजूद डीएसपी जैसे ग्रुप ए के पद पर नियुक्ति दी गई है। इस पर हाईकोर्ट की बेंच ने हैरानी जताते हुए हरियाणा सरकार से जवाब दायर करने को कहा।