मुरथल रेप केस में एसआइटी ने हाई कोर्ट में सौंपी सीलबंद रिपोर्ट
मुरथल रेप केस में एसआइटी ने सीलबंद रिपोर्ट हाई कोर्ट में सौंप दी है। मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए मुरथल रेप केस में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सीलबंद रिपॉर्ट सौंपी। हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में एडीशनल सॉलिस्टर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता पेश हुए। मेहता ने कोर्ट से पूर्ण स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कुछ समय और देने की मांग की, ताकि वो सही स्थिति के बारे में कोर्ट को अवगत करा सकें।
एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने जांच रिपोर्ट के लिए समय मांगने का विरोध नहीं किया। कोर्ट मित्र ने कहा कि उस महिला का ऑडियो टेप को झूठा नहीं कहा जा सकता जिसने माना कि कुछ लोग उसकी लड़की को ढाबे के पीछे ले गए और सात घंटे बाद उसे छोड़ा।
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सुनवाई के दौरान कुछ न्यूज पोर्टल पर प्रकाश सिंह की सील बंद रिपोर्ट छपने पर हाई कोर्ट ने कहा कि क्या मीडिया का कुछ फर्ज नहीं बनता। कोर्ट ने सरकार से पूछा की क्या वो ऐसे मीडिया हाउस के खिलाफ़ कार्रवाई नहीं कर सकती। कोर्ट मित्र ने आरोप लगाया कि हरियाणा की होम मिनिस्ट्री इस मामले में आई वाश करने पर लगी है। कोर्ट मित्र ने कहा की रेप हुआ है, लेकिन सरकार रेप नहीं हुआ साबित करने पर लगी है। हाई कोर्ट ने सरकार को 23 जुलाई तक का समय देते हुए स्टेटस रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
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बता दें, जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में दुष्कर्म की बात सामने आई थी। इसके बाद मामले में जांच टीम बनी। पूछताछ के दौरान लोगों ने बताया कि उन्होनें लड़कियों के चीखने की आवाज सुनी थी, लेकिन दुष्कर्म होते नहीं देखा। मौके पर महिलाओं के कपड़े मिले थे, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया था। पुलिस ने लोगों से भी सहयोग मांगा था। इसके लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए थे।
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