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    हरियाणा ने केंद्र के समक्ष उठाया पानी की कमी का मुद्दा

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jul 2017 07:53 PM (IST)

    हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने राज्य में पानी की कमी का मुद्दा केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष उठाया। साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार के प्रयासों की जानकारी भी दी।

    हरियाणा ने केंद्र के समक्ष उठाया पानी की कमी का मुद्दा

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बाल्याण और विजय गोयल के समक्ष अपने राज्य में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। धनखड़ ने पानी की कमी दूर करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी।

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    करीब दो साल तक सिंचाई विभाग संभालने वाले धनखड़ ने नई दिल्ली में आयोजित जल मंथन कार्यशाला में कहा कि हरियाणा में 7800 करोड़ रुपये का अनुदान सिंचाई और बिजली के क्षेत्र में लोगों को दिया जा रहा है। सूक्ष्म सिंचाई अपनाकर 75 प्रतिशत तक सिंचाई योग्य जल की बचत किए जाने की योजना है। नतीजतन, अनुदान की बचत होगी और इस बचत को सिंचाई बजट सरप्लस करने में लगाया जाएगा। बढ़े हुए बजट से जरूरत वाले क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था की जा सकेगी।

    विभिन्न राज्यों के सिंचाई व कृषि मंत्रियों की मौजूदगी में ओमप्रकाश धनखड़ ने हरियाणा में पानी की मौजूदा स्थिति का पूरा खाका खींचा। उन्होंने बताया कि राज्य में सिंचाई के रूप में हर साल प्रयोग हो रहे दो करोड़ एकड़ फीट पानी में से एक करोड़ एकड़ फीट पानी नदी जल स्रोत व एक करोड़ एकड़ फीट पानी वर्षा जल स्रोत से उपलब्ध हो रहा है। बरसात के इस पानी में से  60 लाख एकड़ फीट पानी दोबारा रिचार्ज किया जा रहा है।

    धनखड़ ने कहा कि इसके बावजूद हर साल हरियाणा को 40 लाख एकड़ फीट पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है। यही वजह है कि हरियाणा का काफी क्षेत्र डार्क जोन में आ गया। इस समस्या के समाधान के लिए पूरे हरियाणा को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के अंतर्गत लाने की दिशा में काम चल रहा है।

    पूरे साल नहरी पानी के लिए 15 पायलट परियोजनाएं

    धनखड़ ने बताया कि राज्य में 12 माह नहरी पानी के लिए 15 पायलट परियोजनाएं प्रारंभ की जा रही हैं। इनमें सूक्ष्म सिंचाई अनुदान योजना को  भी जोड़ा जाएगा। यह पायलट परियोजना सभी खंडों तक पहुंचाई जाएगी। राज्य में 1400 नहरों के अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध कराने के लिए काम चल रहा है। हरियाणा में 850 ड्रेनों पर और 1500 तालाबों को नहरों से जोड़कर वाटर रिचार्जिंग प्रणाली विकसित होगी।

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