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    कांस्य पदक विजेता साक्षी को 2.5 करोड़ व सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 18 Aug 2016 02:17 PM (IST)

    साक्षी ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। हरियाणा सरकार ने साक्षी को 2.5 करोड़ रुपये व सरकारी नौकरी देने का एलान किया है।

    वेब डेस्क, चंडीगढ़। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल करने वाली फ्री स्टाइल महिला पहलवान साक्षी मलिक को हरियाणा सरकार ने 2.5 करोड़ रुपये का इनाम देने तथा सरकारी नौकरी देने का एलान किया है। साक्षी की परिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने फोन कर बधाई दी। खट्टर ने कहा कि रक्षाबंधन पर साक्षी ने देश को तोहफा दिया है।

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    खट्टर ने कहा कि रोहतक के मोखरा गांव की बेटी साक्षी मलिक ने एक रोमांचक एवं कड़े मुकाबले में जिस जोश, जज्बे और एकाग्रता से जीत दर्ज की वह सराहनीय है। प्रदेश सरकार ने ओलंपिक खेलों में हरियाणा के स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को ढ़ाई करोड़ रुपये का नकद प्रोत्साहन पुरस्कार देने का निर्णय किया हुआ है। इसके अलावा हरियाणा के प्रत्येक प्रतिभागी को 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस नीति के अनुसार बेटी साक्षी मलिक को भी ढ़ाई करोड़ रुपये का नकद प्रोत्साहन पुरस्कार मिलेगा।

    वहीं, साक्षी के भाई सचिन ने भी कहा कि रक्षाबंधन पर उनकी बहन ने उन्हें बेहतरीन तोहफा दिया है। हरियाणा सरकार की तरफ से मंत्री मनीष ग्रोवर परिवार से मिले और साक्षी की जीत पर खुशी मनाई।

    बता दें, 23 वर्षीय साक्षी ने कजाकिस्तान की अइसुलू टाइबेकोवा को 58 किलोग्राम वर्ग में पराजित किया। कोरिओका एरेना-2 में हुए इस मुकाबले में एक समय साक्षी 0-5 से पीछे थीं, लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने उलट-पलट करते हुए इसे 8-5 से जीत दर्ज की। साल 2015 में हुए एशियन चैम्पियनशिप में पोडियम फिनिश करने वाली साक्षी ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।

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    इससे पहले साक्षी मलिक रियो ओलंपिक के 12वें दिन बुधवार को फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 58 किलोग्राम भारवर्ग के क्वार्टरफाइनल में हार गईं। इसी के साथ उनसे गोल्ड या सिल्वर मेडल की भारत की उम्मीदें भी टूट गईं। हालांकि रेपचेज में उन्हें मौका मिल गया और वे कांस्य जीतने में सफल रहीं।

    क्वार्टर फाइनल में हार के बाद साक्षी की मांग स्वदेश काफी निराश थीं। उनका कहना था कि विनेश चोटिल हो गई थी, यही वजह रही होगी कि मनोबल साक्षी का कम हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी दोनों मुकाबलों में जबरदस्त तरीके से खेली। स्वदेश ने कहा कि साक्षी बेहद इमोशनल है। वह तो किसी का बुखार भी नहीं देख सकती, किसी को परेशानी में देखकर बैचेन हो जाती है।

    उनका तर्क है कि क्वार्टर फाइनल में इससे पहले विनेश चोटिल हुई और हार का सामना करना पड़ा। यही वजह रही कि विनेश को लेकर वह बेहद ङ्क्षचतित रही होगी। बता दें कि पहले दो मुकाबले साक्षी ने जीते और क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। दो मुकाबले जीतने के बाद तो सारे देश के साथ साक्षी के घर में खुशी छा गई थी। अब कांस्य पदक हासिल करने के बाद परिवार में एक बार फिर खुशी की लहर दौड़ गई है।

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