Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक लाख करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार, फिजूलखर्ची रोकने के लिए बनाया एक्शन प्लान

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Tue, 04 Jul 2017 08:54 PM (IST)

    केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा बैठक में सीएम मनोहर लाल राजस्व व्यय कम करने को लेकर बेहद गंभीर नजर आए। उन्होंने फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की दिशा में रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

    एक लाख करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार, फिजूलखर्ची रोकने के लिए बनाया एक्शन प्लान

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा पर करीब एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर कर्ज पहुंच जाने के बाद सरकार ने फिजूलखर्ची को सख्ती के साथ रोकने का निर्णय लिया है। ऐसा फैसला सरकार हालांकि पहले भी ले चुकी है, लेकिन अब जोर राजस्व खर्च को कम करने पर रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश  सरकार की मंशा है कि सरकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन और विकास योजनाओं के लिए ऋणों पर आश्रित रहने की बजाय राज्य खुद के राजस्व को बढ़ाए। सरकार का राजस्व बढ़ाने और राजस्व व्यय कम करने का तरीका खोजने के लिए मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है।

    यह भी पढ़ें: कोविंद के बाद मीरा कुमार आएंगी चंडीगढ़, विधायकों-सांसदों से करेंगी वोट की अपील

    केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल राजस्व व्यय कम करने को लेकर बेहद गंभीर नजर आए। उन्होंने उच्चतर शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष और चिकित्सा शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजनाओं की खासतौर से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रशासनिक सचिव योजनाओं को परियोजना अनुमोदन बोर्ड को भेजने से पहले उनके वास्तविक प्रस्ताव तैयार करें, ताकि निधि जारी होने में अनावश्यक देरी न हो सके। 

    मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को उन योजनाओं की सूची सौंपने के भी निर्देश दिए, जिनके लिए पिछले दो वर्षों से केंद्र से धन प्राप्त नहीं हुआ है, ताकि संबंधित मंत्रालयों से बातचीत की जा सके। जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अफसरों ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत 2016-17 में 110 फीसद लक्ष्य प्राप्त हुआ है। 

    यह भी पढ़ें: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से मिलने पहुंची मिस इंडिया मानुषी छिल्लर

    राज्य मंत्री बनवारी लाल ने बताया कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम के तहत 98 प्रतिशत बजट का उपयोग हुआ। वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य में 19 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए और सात नए एसटीपी पर काम चल रहा है। बैठक में मुख्य सचिव डीएस ढेसी और सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर समेत तमाम प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।