सरकार की गरीबों को सौगात, श्रमिकों के बच्चों के लिए हर जिले में खुलेंगे डे केयर सेंटर
मंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
जेएनएन, चंडीगढ़। निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सभी जिलों में क्रेच और डे-केयर सेंटर खोले जाएंगे। फिलहाल प्रदेश के नौ जिलों में 22 क्रेच और डे-केयर सेंटर चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा श्रमिकों के लिए 23 मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की गई है।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिक वर्ग के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। इसके तहत योजनाओं पर गंभीरता से काम हो। उन्होंने बताया कि मजदूरों के बच्चों की उचित देखभाल एवं पौष्टिक आहार के लिए रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, हिसार, भिवानी, जींद, सिरसा में 22 मोबाइल क्रेच/डे केयर सेंटर शुरू किए गए हैं।
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मंत्री के मुताबिक दूसरे जिलों में भी यह सुविधा जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके अलावा लेबर चौक, हुडा व अन्य छोटे निर्माण स्थल समूहों एवम् मजदूरों के रिहायशी क्षेत्रों के नजदीक चलते फिरते शौचालयों की सुविधा के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे।
नायब सैनी ने बताया कि कई जिलों में 23 मोबाइल टॉयलेट शुरू किए गए हैं। औद्योगिक शहर गुरुग्राम के मानेसर और सिकंदरपुर और एनआइटी फरीदाबाद व ओल्ड फरीदाबाद में श्रमिक कल्याण केंद्र खोले गए हैं।
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