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    क्लीनचिट के बावजूद खेमका को नहीं मिल रही है जांच रिपोर्ट

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2016 04:10 PM (IST)

    हरियाणा के वरिष्‍ठ आइएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका की परेशानी खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है। उन्‍हें हुड्डा सरकार द्वारा दायर चार्जशाीट के मामले में क्‍लीन चिट ताे मिल गई है, लेकिन अब उन्‍हें इस मामले की जांच रिपोर्ट नहीं दी जा रही है।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका को विजिलेंस जांच में क्लीन चिट मिलने के बावजूद जांच रिपोर्ट हासिल करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। खेमका ने राज्य के मुख्य सचिव डीएस ढेसी को पत्र भेजकर जांच रिपोर्ट की प्रति दिलाने का आग्रह किया है। मुख्य सचिव ने इस पत्र को डीजीपी विजिलेंस के पास भिजवा दिया, लेकिन उन्हाेंने जांच रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया।

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    पिछली भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के समय दी गई चार्जशीट ड्राप हो जाने तथा मूंग के बीज खरीद मामले में विजिलेंस जांच में निर्दोष साबित होने के बाद सरकार ने खेमका को प्रधान सचिव के पद पर पदोन्नत कर दिया था, लेकिन अभी तक उन्हें अहम पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।

    खेमका ने इसकी पीड़ा ट्वीट पर जाहिर की थी। पेंडिंग एक पीएआर के संबंध में अपना पक्ष रखने के लिए उन्हें अब विजिलेंस की जांच रिपोर्ट की जरूरत है। आरटीआइ में खेमका ने जांच रिपोर्ट तो हासिल कर ली थी, लेकिन वह आधी अधूरी मिली है, खेमका गवाहों के बयान और आइएएस रोशन लाल को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से भेजी गई प्रश्नावली की कापी की भी जरूरत है।

    खेमका ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा कि मूंग बीज खरीद मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें निर्दोष माना है। सरकार ने केवल इसी आधार पर पीएआर के संबंध में अपना पक्ष रखने को कहा है। इसलिए उन्हें तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि वे जवाब दे सकें।

    खेमका के इस पत्र को मुख्य सचिव ने डीजीपी (विजिलेंस) परमिंद्र राय को भेज दिया। खेमका के बात करने पर राय ने कहा है कि मुख्य सचिव से निर्देश मिले बिना बयानों और प्रश्नावली की प्रति नहीं दी जा सकती। खेमका का कहना है कि पहले उन्हें झूठे आरोप लगाकर प्रताडि़त किया गया। अब जांच रिपोर्ट और एनेक्सचर के अभाव में वह अपना पक्ष भी प्रभावी ढंग से नहीं रख पा रहे हैं।