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    जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े चार मामलों की होगी सीबीआई जांच !

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 18 Aug 2016 02:46 PM (IST)

    हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई चार बड़े मामलों की सीबीआई जांच करवाने की तैयारी चल रही है। जानें कौन से हैं वो मामले ?

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    चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। हरियाणा सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए चार बड़े मामलों की सीबीआई जांच कराने का फैसला लिया है। इन मामलों से जुड़े दस्तावेज और एफआईआर की प्रतियां सीबीआई को किसी भी समय सौंपी जा सकती हैं।

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    प्रदेश में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कुल 2120 एफआईआर दर्ज हुई थी, जिनमें 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन में राजनीतिक साजिश की जांच के लिए एसएन झा के नेतृत्व में एक आयोग का गठन पहले से कर रखा है।

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    प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के रोहतक स्थित घर में हुई आगजनी की सीबीआई जांच कराई जा सकती है। इसके लिए कैप्टन ने सरकार पर दबाव बनाया हुआ था।

    वहीं, सोनीपत जिले के मुरथल में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिस तरह से सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई, उससे बचने तथा सच्चाई को सामने लाने की मंशा से मुरथल सामूहिक दुष्कर्म मामले की भी जांच कराई जा सकती है।

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    वैसे भी मुरथल गैंगरेप मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस सरो और जस्टिस गुरमीत राम की बैंच के कड़े रुख के बाद सरकार ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।

    इसके अलावा प्रदेश में 2010 और 2012 में भी हुड्डा सरकार के समय जाट आंदोलन हुए थे। 2010 और 2012 में तब 69 एफआईआर दर्ज की गई थी और सजा सिर्फ एक व्यक्ति को मिली थी। वर्ष 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान अकेले रोहतक जिले में करीब एक हजार एफआईआर दर्ज हुई हैं।

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