क्रीमीलेयर पर सरकार की अधिसूचना को चुनौती देने की तैयारी
हरियाणा सरकार की ओर से पिछड़े वर्ग के क्रीमीलेयर से संबंधित नोटिफिकेशन को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी हो रही है। कहा जा रहा है कि इसका जाट आरक्षण से कोई लेना-देना नहीं।
जागरण संवाददाता, हिसार। वरिष्ठ अधिवक्ता लालबहादुर खोवाल ने सरकार की आरक्षण पर नोटिफिकेशन को चुनौती देने का निर्णय लिया है। उन्होंने सरकार पर जल्दबाजी में नोटिफिकेशन जारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस अधिसूचना से सामाजिक तानाबाना दो हिस्सों में बंटने का खतरा है।
उन्होंने जागरण से कहा कि जब अदालत ने इस बारे में उनसे पूछा तो साफ तौर पर कहा गया था कि सरकार के अधिसूचना जारी करने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है परंतु इस नोटिफिकेशन का जाट आरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है।
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नोटिफिकेशन में क्रीमीलेयर से ऊपर दो भागों में बांटा गया है। तीन लाख तक सालाना इनकम वालों को नौकरी व शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए पहली प्राथमिकता तथा तीन से छह लाख इनकम वालों को दूसरी प्राथमिकता में रखा गया है।
उन्होंने इसे देशभर में अपने तरह की पहली अधिसूचना करार देते हुए कहा कि पहली पर एक लाख से ऊपर, तीन साल बाद ढाई लाख से ऊपर व उसके तीन साल बाद साढ़े चार लाख रुपये से ऊपर के बाद मई 2013 में क्रीमी लेयर से ऊपर छह लाख रुपये इनकम निर्धारित की गई।
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लालबहादुर खोवाल ने कहा कि हाल ही में एक सप्ताह पूर्व सरकार ने छह लाख रुपये इनकम का ही पत्र जारी किया था। अब आनन-फानन में सरकार ने तीन व छह लाख रुपये सालाना इंकम के क्रीमी लेयर से ऊपर की अधिसूचना जारी कर दी। जिसे वे जल्द ही चुनौती देने वाले हैं।
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