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    जाट नेताओं की जेब से होगी नुकसान की भरपाई

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 16 Mar 2017 12:59 PM (IST)

    जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकारी या गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान होता है तो इसकी भरपाई जाट नेताओं से करवाई जाएगी।

    जाट नेताओं की जेब से होगी नुकसान की भरपाई

    जेएनएन, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान अगर कहीं पर सरकारी या गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान होता है तो इसकी भरपाई जाट नेताओं से करवाई जाएगी। इसके लिए सभी जाट आंदोलनकारियों की चल और अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक केपी सिंह ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह हलफनामा दिया। मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।
     
    हाई कोर्ट के एडवोकेट अरविंद सेठ की जनहित याचिका के मुताबिक पिछले साल फरवरी में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान रेल और सड़क यातायात बाधित होने के साथ ही कानून व्यवस्था ठप पड़ गई थी। याची ने हाई कोर्ट से अपील कर रखी है कि हरियाणा सरकार को उचित निर्देश जारी किए जाएं ताकि रेल और सड़क यातायात बाधित न हो। इसके अलावा सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान भी नहीं होना चाहिए। हलफनामे में डीजीपी ने कहा कि इस बार पूरे प्रदेश में कहीं पर भी नेशनल या स्टेट हाईवे पर ट्रैफिक बाधित नहीं हुआ है। रेल यातायात भी सुचारू रहा। सभी जिलों में डीसी, पुलिस कमिश्नर, आइजी, डीसीपी व एसपी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं पर भी संपत्ति को कोई नुकसान न हो। डीजीपी ने बताया कि सभी जाट नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए आरपीएफ को पत्र लिखा गया है।

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    यशपाल मलिक को फिर नोटिस
    मामले की सुनवाई के दौरान जाट आंदोलन की अगुवाई कर रहे संघर्ष समिति के प्रधान यशपाल मलिक, रेलवे व केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब दायर नहीं किया गया। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को नए सिरे से नोटिस जारी 31 मार्च तक जवाब देने का आदेश दिया हैं। 

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