नोटबंदी में हरियाणा में सफेदपोशों ने किया 1000 करोड़ का हवाला कारोबार
नोटबंदी के दौरान जनता पैसे के लिनए परेशान थी और कुछ सफेदपोश लोग बैंक अफसराें के साथ मिलकर हवाला कोराबार कर रहे थे। चरखी दादरी के एक बैंक के जरेिये 1001 करोड़ का यह कारोबार हुआ।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के चरखी दादरी में नोटबंदी के बाद करीब एक हजार करोड़ रुपये के हवाला कारोबार के खुलासे से खलबली मच गई है। इस पूरे काले कारोबार में सफेदपोश लोगों के शामिल होने की आशंका है। बैंकिंग चैनल के जरिए इस रकम की 'लांड्रिंग' की गई। इसमें बैैंक अधिकारियों के साथ-साथ हवाला कारोबार करने वाले दलालों तक की भूमिका रही है। दिल्ली में ऐसे एंट्री आपरेटरों का पहले ही पता लग चुका है, जिन्होंने 80 खातों का उपयोग कर 200 करोड़ रुपये को सफेद बनाने का प्रयास किया था।
चरखी दादरी के बैंक की शाखा के जरिये हुआ पूरा काला कारोबार
प्रदेश सरकार की नाक के नीचे हुए एक हजार करोड़ के हवाला कारोबार की न तो खुफिया एजेंसियों को भनक लग पाई और न ही पुलिस को कोई सूचना मिली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इनवेस्टिगेशन विंग की महानिदेशक मधु महाजन द्वारा खुलासा करने के बाद सरकार एकाएक हरकत में आई है।
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बैैंक अफसरों व दलालों ने मोटा कमीशन लेकर किया एक हजार करोड़ का हवाला कारोबार
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने पुलिस और बैैंक अधिकारियों से इस बारे में जानकारी लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग, पुलिस विभाग और आबकारी एवं कराधान विभाग मिलकर हवाला कारोबार में शामिल लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। वित्तमंत्री के अनुसार, आयकर विभाग के खुलासे से पहले ऐसी कोई सूचना सरकार के पास नहीं थी। उन्होंने कहा कि गंभीरता के साथ इसकी तह में पहुंचा जाएगा।
धंधे से जुड़े नेताओं व अफसरों तक पहुंचना हरियाणा पुलिस के लिए चुनौती
वित्तमंत्री के दावे से विपरीत आयकर विभाग की जानकारी में ऐसे कई हवाला एंट्री आपरेटर्स के नाम सामने आए हैं, जो बैैंक में डिपॉजिट (पैसे जमा कराने) की सुविधा देकर फीस वसूलते थे। नोटबंदी के बाद सरकार हरियाणा को कैशलेस बनाने की मुहिम में जुटी रही और दलाल हवाला कारोबार में व्यस्त रहे। ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए बैैंकों में बेनामी खाते खोले गए। यह काम अनअकाउंटेड (बिना खाते के) कैश को जमा करने के लिए किया गया।
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हवाला कारोबार से लाभ लेने वाले 50 से अधिक
बताया जाता है कि आयकर विभाग ने चरखी दादरी के एंट्री ऑपरेटर की पहचान कर ली है, लेकिन अभी तक मुख्य आरोपियों का पता नहीं चला है। एंट्री ऑपरेटर ने डिपॉजिट की सुविधा उपलब्ध कराकर 18 से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाया, लेकिन माना जा रहा कि इनकी संख्या 50 से भी अधिक हो सकती है।
चंडीगढ़ रीजन में 300 करोड़ की ब्लैकमनी
आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित पूरे चंडीगढ़ रीजन में करीब 300 करोड़ की ब्लैकमनी का पता लगाया है। टैक्स चोरों ने कई तरीकों का इस्तेमाल किया। एक कंपनी के कर्मचारियों के खाते में 10 हजार से 40 हजार रुपये तक जमा किए गए। इसे सिर्फ एचआर और कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट के लोग ही निकाल सकते हैं, जबकि आइडी प्रूफ कर्मचारियों का लगा रहा।
यह है मामला
आयकर विभाग ने खुलासा किया है कि नोटबंदी के बाद चरखीदादरी में हवाला के जरिये एक हजार करोड़ रुपये का करोबार हुआ। आयकर विभाग के इन्वेस्टीगेशन विंग के महानिदेशक मधु महाजन ने आशंका जताई है कि इसमें से 100 करोड़ रुपये पंजाब के लोगों के हो सकते हैं। जांच विग ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि कैसे यह पैसा बैंक में पहुंचा और कहां गया। इसी मामले में बैंक के एक एंट्री आपरेटर की पहचान हुई हैं, जिसने 18 लोगों को गैर कानूनी रूप से लाभ पहुंचाया हैं।
मधु महाजन ने बताया कि आयकर विभाग ने पंजाब सहित पांच प्रदेशों में हो रहे चुनाव को लेकर अपना दायरा बढ़ा दिया हैं। एक तरफ आयकर विभाग की नजर सोशल मीडिया पर भी हैं तो वहीं, प्रत्याशियों द्वारा नामांकन भरते समय संपत्ति के संबंध में दिए जा रहे शपथपत्रों की भी जांच की जा रही है। आयकर विभाग प्रत्याशियों द्वारा 2012 में दिए गए शपथपत्र और 2017 के शपथ पत्रों का आकलन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक आयकर विभाग के विजिलेंस विंग ने 10 करोड़ रुपये पकड़े हैं। इसमें से 4.50 करोड़ रुपये के स्रोत न बताए जाने के कारण सीज किए गए। पिछले दो दिन में ही ने छह करोड़ रुपये की नगदी पकड़ी गई है।
उन्होंने बताया पंजाब के तीन मुख्य हवाई अड्डों और दो छोटे हवाई अड्डों पर भी आयकर विभाग के विजिलेंस विंग की नजरें जमी हैं। लुधियाना, मोहाली और अमृतसर हवाई अड्डों पर एयरपोर्ट इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की गई है। जबकि बठिंडा और पटियाला के छोटे हवाई अड्ड़ों पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर व अन्य एजेंसियों की मदद से ऐसे यात्रियों पर नजर रखी जा रही है जो अपने साथ नगदी लेकर चलते हैं।
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