सामूहिक दुष्कर्म मामला: नहीं पकड़े गए दरिंदे, गांव लौटना चाहते हैं पीड़ित
पीड़ित अपने गांव लौटने का मन बना चुके हैं। हालांकि पीड़ितों को कंपनी प्रबंधन व क्षेत्र के लोग दिलासा दे रहे हैं कि अब बदमाश इधर मुंह भी उठाकर नहीं देखेंगे।
गुरुग्राम [जेएनएन]। पटौदी क्षेत्र गांव में स्थित कंपनी परिसर में लूट और महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में बदमाश अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। दरिंदगी की शिकार हुई महिलाएं व उनके परिजन खौफ में हैं। पीड़ित अपने गांव लौटने का मन बना चुके हैं। हालांकि पीड़ितों को कंपनी प्रबंधन व क्षेत्र के लोग दिलासा दे रहे हैं कि अब बदमाश इधर मुंह भी उठाकर नहीं देखेंगे।
ग्रामीण घटना के विरोध में 12 फरवरी को महापंचायत करने जा रहें हैं। पंचायत में हैवानियत दिखाने वालों की गिरफ्तारी की मांग तो उठेगी ही साथ ही इस प्रकार की वारदात नहीं हो इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक भी किया जाएगा।
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क्या है मामला
28 जनवरी की रात कंपनी परिसर में खाकी वर्दी पहन करीब आठ बदमाशों ने डकैती डाली थी। कंपनी परिसर व बगल में खुले पोल्ट्री फार्म में रह रहे कर्मचारियों के साथ बदमाशों ने मारपीट की थी। बुरी तरह पीटने के बाद लुटेरों ने नकदी व कीमती सामान लूट लिया था। दरिंदों ने दो महिलाओ के साथ उनके पतियों के सामने ही सामूहिक दुष्कर्म किया था। एक पीड़ित महिला गर्भवती थी। बदमाशों ने कर्मचारियों की रसोई में मुर्गा पकाकर भी खाया था।
चार राज्यों में घूम रही पुलिस
शर्मसार कर देने वाली सनसनीखेज वारदात को घुमंतू गिरोह ने अंजाम दिया था। बदमाशों की तलाश में 100 पुलिसकर्मी व अधिकारी लगे हुए हैं। हरियाणा के कई जिलों के साथ-साथ यूपी, राजस्थान, तथा पश्चिम बंगाल तक पुलिस टीम गई हुई हैं। साइबर एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है, पर अब तक बदमाश पुलिस की पकड़ से दूर हैं। घटना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है। विपक्षी नेता पीड़ित परिवार से मिल पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री भी मामले की जांच गंभीरता से करने के निर्देश जारी कर चुके हैं।
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महापंचायत तक नहीं पकड़े गए बदमाश तो होगी किरकिरी
महापंचायत चार के बजाय अब 12 फरवरी को होनी है। इससे पहले दरिंदों की पहचान कर उन्हें हवालात दिखाने का पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। महापंचायत तक बदमाश पकड़े नहीं गए तो लोगों का गुस्सा पुलिस के प्रति बढ़ेगा। जिसे ठंडा करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक दो अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है।
लापरवाही का आरोप
हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुमन दहिया ने शुक्रवार की दोपहर घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवारोंं से बातचीत की। उनके साथ एसीपी तन्या सिंह भी थीं। बाद में सुमन ने कहा इस सनसनीखेज वारदात से कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है। पुलिस अगर सही तरीके से गश्त करती तो महिलाओं की इज्जत उनके सुहाग के आगे ही नहीं लूटी जाती।
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