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    आयोग को मजबूत बनाएं

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    Updated: Tue, 10 Dec 2013 03:59 AM (IST)

    आदित्य राज, गुड़गांव : मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए मानवाधिकार आयोग को जिला स्तर पर मजबूत बनाना होगा। जांच में न केवल तेजी लानी होगी बल्कि जांच दूसरों से कराने की बजाय खुद करनी होगी। साथ ही लोगों में जागरुकता पैदा करने के साथ ही समझदारी विकसित हो, इस पर ध्यान देना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो जागरुकता की वजह से कानूनों का दुरुपयोग शुरू हो जाएगा। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं।

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    यह बात पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश डीएस तेवतिया ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले तेजी से सामने आने लगे हैं। इन पर नजर रखने के लिए, जांच समय पर हो, सही व निष्पक्ष जांच हो इसके लिए आयोग को हर स्तर पर व्यवस्था बनानी होगी। जहां तक बात इस पर अंकुश लगाने की है तो इसके लिए जागरुकता ही सबसे बड़ा हथियार है। समाज में बेहतर माहौल तैयार करना होगा। हर व्यक्ति न केवल अपने अधिकारों को समझे बल्कि अधिकारों का सम्मान भी करे। जो अपने अधिकारों का सम्मान करेगा वह दूसरे अधिकारों का भी सम्मान करेगा। जब तब ऐसी सोच विकसित नहीं होगी तब तक जागरुकता का भी अधिक फायदा नहीं। सोच नहीं विकसित होने पर जागरुकता कई बार परेशानी को पैदा कर देती है। लोग कानून का दुरुपयोग करना शुरू कर देते हैं। कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं। कानून क्या है, अधिकार क्या हैं, जिम्मेदारी क्या है सहित कई विषयों की जानकारी स्कूल स्तर से ही बच्चों को देने की आवश्यकता है। पिछले कुछ समय से अधिकांश मामले बच्चों एवं महिलाओं से संबंधित सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में मानवाधिकार के बारे में घर-घर में जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है।

    जहां तक न्यायालयों की कार्यप्रणाली का सवाल है तो महिलाओं एवं परिवारिक मामलों से संबंधित विशेष व्यवस्था होने की वजह से काफी असर दिख रहा है। मामलों का जल्दी से निबटारा हो रहा है। मामलों का जल्दी से निबटारा होना भी अपराध या मानवाधिकार के उल्लंघन पर रोक लगाना है। गलत करने वालों में डर तभी पैदा होगा जब उसे हर हाल में और जल्द सजा मिलेगी। सबसे जो बड़ी बात है वह यह है कि सभी अपने दायरे में रहें, अपनी जिम्मेदारी समझें, अपने अधिकार समझें, कहीं कोई समस्या नहीं रहेगी। दिक्कत यह है कि हर कोई दूसरे से बेहतर की अपेक्षा रखता है, खुद बेहतर करने के बारे में ध्यान नहीं देता।

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