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    रेलवे में नौकरी पाना चाहते हैं तो पहले पढ़ लें यह खबर

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 18 Sep 2016 02:40 PM (IST)

    रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर दलाल खूब ठगी कर रहे हैं। दलाल ने यहां के एक युवक को पांच लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया व फर्जी ट्रेनिंग भी करा दी।

    जेएनएन, चरखी दादरी (भिवानी)। रेलवे में नौकरी पाना चाहते हैं और इसके लिए जुगाड़ के चक्कर में पड़े हैं तो सावधान हो जाएं। किसी दलाल के फेर में पड़ने से पहले यह खबर जरूर पढ़ लें। यहां का एक युवक इस चक्कर में पांच लाख रुपये देेने के बाद भी सिर घुमा देने वाली जालसाजी का शिकार हो गया। उसे नौकरी का नियुक्ति पत्र भी मिल गया और उसे ट्रेनिंग के लिए भी रेलवे में भेज दिया गया, लेकिन दो महीने बाद पता चला कि नियुक्ति पत्र आैर ट्रेनिंग दोनों फर्जी हैं। उसने पुलिस को शिकायत दी तो आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गया।

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    जालसाज और उसके गिरोह के सदस्य इतने शतिराना तरीके से सारा गोरखधंधा चलाते थे कि उम्मीदवारों को जरा भी शक नहीं होता था। ये लोग अपने शिकार बने युवाओं को रेलवे के वेबसाइट पर नियुक्ति के लिए चयनित उम्मीदवारों में उनका रोल नंबर ते दिखाते थे। इसके बाद डाक से उनके पास नियुक्ति पत्र आता था और फिर उन्हें दूरदराज जगह पर 'ट्रेनिंग' के लिए भेज दिया जाता था।

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    भिवानी जिले के गांव चांग रोड का एक युवक अनूप भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुअ। उसे नियुक्ति पत्र भेजकर ये लोग दो महीने तक लखनऊ में ट्रेनिंग के नाम पर ट्रेनों के कोच गिनाते रहे। बाद में पता चला नियुक्ति पत्र फर्जी है और ट्रेनिंग भी। उसके साथ दर्जनों बेरोजगार युवाओं को ठगने वाला दिल्ली निवासी प्रकाश साहनी अब पुलिस गिरफ्त में है।

    अनूप ने पुलिस को बताया कि उसने रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती के लिए आवेदन किया था। इस दौरान दिल्ली के सदर बाजार क्षेत्र में रहने वाले प्रकाश साहनी से उसकी भेंट हुई। प्रकाश ने उसे भर्ती कराने का भरोसा दिया और कहा कि इसके लिए साढ़े पांच लाख रुपये लगेंगे। उसने किसी तरह इंतजाम कर यह रकम उसे दे दी।

    कुछ दिनों बाद प्रकाश साहनी ने उसे बताया कि उसका नियुक्ति के लिए चयन हाे गया है। उसने नियुक्ति के लिए चुने गए उम्मीदवारों में उसका रोल नंबर भी रेलवे के वेबसाइट पर दिखाया। सारा कुछ उसने फजींवाड़ा कर किया। बाद में उसके घर नियुक्ति पत्र भी पहुंचा। इसके बाद उसे ट्रेनिंग के नाम पर लखनऊ भेज दिया गया। वहां उससे दो माह तक ट्रेनिंग के नाम पर ट्रेनों के डिब्बे गिनवाए।

    कथित ट्रेनिंग के दौरान उसके साथ कई अन्य युवक भी थे। बाद में उन्होंने स्थायी नौकरी के लिए प्रकाश साहनी को कहा तो वह काफी समय तक टरकाता रहा। एक दिन अनूप खुद को मिले नियुक्त पत्र को लेकर अधिकारियों से मिलने पहुंच गया। अधिकारियों ने कहा कि पत्र फर्जी है। यह रेलवे की तरफ से जारी नहीं किया गया है।

    इस पर अनूप ने प्रकाश साहनी से बात की तो उसने कहा कि सेटिंग के जरिए नौकरी दिलवाई थी। अब उसने सीधे अधिकारियों से संपर्क कर मामला खराब कर दिया है। अब उसे न तो रकम वापस मिलेगी अौर न ही नौकरी। इसके बाद अनूप ने इसकी शिकायत यहां दादरी थाने में दी।

    रिमांड में पता चलेंगे अन्य अभियुक्तों के नाम : शमशेर

    दादरी थाने के प्रभारी शमशेर सिंह ने बताया कि अनूप ने शिकायत में बताया था कि ट्रेनिंग के दौरान उसके साथ कई अन्य युवा भी थे। ऐसे में आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी कि उसने और कितने युवाओं के साथ इस प्रकार की ठगी की है। साथ ही इस गोरखधंधे में कौन-कौन शामिल हैं।

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    पहले भी ठगे जा चुके कई युवा

    इससे पहले भी कई युवा इस तरह की ठगी के श्ािकार हो चुके हैं। रेलवे में नौकरी का झांसा देकर कुछ दिन पहले एक दंपती ने झज्जर जिले के गांव धौड़ निवासी नीरज, रामनगर कालोनी निवासी अजय, रोहतक निवासी ममता, कंवर सिंह कालोनी निवासी दीपक, रोहतक निवासी प्रवीण, जितेंद्र, सुजीत, संतरा, राजीव विहार निवासी आशा हुड्डा और महेंद्रगढ़ के ककराला निवासी रोहित से 40 लाख रुपये ठग लिए थे। इनसे भी अलग-अलग क्षेत्रों में फर्जी ट्रेनिंग कराई गई थी।

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