नार्वे बनाएगा दुनिया की पहली तैरती सुरंग
नार्वे अपने दो शहरों को जोडऩे के लिए यह समुद्र के अंदर तैरती सुरंग बनाने की तैयारी में है।
समुद्री रास्ते पर आवागमन आसान बनाने के लिए नार्वे एक नया प्रयोग करने जा रहा है। अपने दो शहरों को जोडऩे के लिए यह समुद्र के अंदर तैरती सुरंग बनाने की तैयारी में है। निर्माण पूरा होने पर लोग 1,330 किमी का सफर सुरंग में बनी सड़क के जरिए कुछ घंटों में पूरा कर सकेंगे। समुद्री जहाज से फिलहाल इसे तय करने में 21 घंटों का वक्त लगता है।
सुरंग का पहला चरण
पश्चिम नॉर्वे के सॉग्नेफ्योर्ड में सुरंग का पहला चरण पूरा होगा। समुद्र से होकर नॉर्वे की मुख्य जमीन तक आता है यह जल मार्ग। 205 किमी की लंबाई के साथ यह है दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा। ओपेडल और लैविक नाम के दो गावों को जोड़ेगी सुरंग।
कंक्रीट से होगा निर्माण
4000 फुट लंबी कंक्रीट की सुरंग का होगा निर्माण। हर दिशा के लिए होगी अलग सुरंग। प्रत्येक में होगी दो लेन बनाने की जगह जिससे गुजर सकेंगे वाहन। सुरंग की स्थिति नियंत्रित करेंगे पानी की सतह पर तैरते पैंटून। इनके बीच होगी पर्याप्त दूरी जिससे पानी की ऊपरी सतह पर आसानी से गुजर सकें समुद्री जहाज और क्रूज।
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मौसम का नहीं होगा असर
बारिश हो या ठंड, सुरंग पर नहीं होगा मौसम का असर। तेज लहरों को झेलने में सक्षम। सभी सुरंग को बनाने में लगेगा सात से नौ साल का वक्त। 2035 तक है निर्माण पूरा होने की उम्मीद।
भारी भरकम लागत
पानी के अंदर सड़क बनने से यात्रियों को होगी सहूलियत। चंद घंटों में पहुंच सकेंगे समुद्र
पार दूसरे शहर में। फिलहाल आपातकाल में हेलीकॉप्टर के लिए करना पड़ता पार दूसरे शहर में। फिलहाल आपातकाल में हेलीकॉप्टर के लिए करना पड़ता है इंतजार। हालांकि भारी भरकम है परियोजना की लागत। खर्च होंगे 23 अरब डॉलर।
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