चटपटी चटनी का कारोबार भी है अच्छा विकल्प, जानिए कैसे कर सकते हैं आप
सॉस का मार्केट आज हर कहीं है। कॉम्पिटिशन तो है इसमें। फिर भी आगे बढ़ने का स्कोप बहुत है, क्योंकि लोगों की फूड हैबिट बदल रही है और एक बड़ी आबादी इंडियन फूड से चाइनीज फूड की तरफ जा रही है।
अगर आप आज के जमाने के हिसाब से खाने-पीने से जुड़ी किसी चीज का कारोबार करना चाहते हैं, तो केचप/सॉस मैन्युफैक्चरिंग में बेहतरीन विकल्प है। आज घर से लेकर होटल, रेस्टोरेंट, कैंटीन और फूड स्टॉलों पर इनका खूब इस्तेमाल हो रहा है। इसके लिए अधिक पूंजी की भी आवश्यकता नहीं है। आइए जानते हैं इस बिजनेस को शुरू करने के लिए किन चीजों की जरूरत होगी...
आज के बच्चों, किशोरों, युवाओं आदि को चाइनीज फूड, इटैलियन फूड और थाई जैसे विदेशी फूड ज्यादा भाते हैं। चूंकि पिज्जा, चाउमिन, बर्गर, मोमो, पेटीज जैसे फूड आइटम सॉस के साथ ही खाए जाते हैं, इसलिए भी देश में सॉस और केचप का बाजार लगातार बढ़ रहा है। इनमें भी टोमैटो सॉस, सोया सॉस, रेड चिली सॉस, पिज्जा सॉस, पास्ता सॉस और कॉन्टिनेंटल सॉस की लोकप्रियता सर्वाधिक है।
बदल रही फूड हैबिट
सॉस का मार्केट आज हर कहीं है। कॉम्पिटिशन तो है इसमें। फिर भी आगे बढ़ने का स्कोप बहुत है, क्योंकि लोगों की फूड हैबिट बदल रही है और एक बड़ी आबादी इंडियन फूड से चाइनीज फूड की तरफ जा रही है। कुछ चटपटा खाना चाहते हैं। घर पर खाना बनाने का समय नहीं है। जल्दी में कुछ बनाकर खाना चाहते हैं, तो आसान विकल्प है। दूसरे ब्रेड, रोल, पिज्जा, बर्गर, चाउमिन, मोमो जैसे आइटम खाने में भी आसान है और इन सबमें सॉस का इस्तेमाल होता है। होटल, रेस्टोरेंट, चाइनीज शॉप, फूड स्टॉल, स्कूल-कॉलेज की कैंटीन जैसी जगहों पर इनका खूब इस्तेमाल हो रहा है। सॉस चूंकि एक प्रीमियम सेग्मेंट की चीज है और शहरी इलाकों में ही अधिक बिकता है। ऐसे में अर्बन एरिया में यह काम करना ज्यादा ठीक रहेगा। हालांकि गांवों-कस्बों में भी इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
कितनी चाहिए
पूंजी सॉस मैन्युफैक्चरिंग के लिए कम से कम 5 लाख रुपये की पूंजी होनी चाहिए। क्योंकि सॉस बनाने में कैटल, ग्राइंडर मिक्सी, ब्वायलर, कमर्शियल चूल्हा इत्यादि की आवश्यकता होती है। इन सब संसाधनों को खरीदने में करीब 5 लाख का खर्च आ जाएगा। अगर आगे चलकर बड़े लेबल पर इसे करना चाहते हैं, तो फिर सब्जियों के लिए कटिंग मशीन, सफाई के लिए वॉशर और इन्हें छीलने के लिए पिलर मशीन की भी आवश्यकता होगी। लेकिन छोटे लेबल पर यह काम शुरू करने के लिए इनकी जरूरत नहीं है। इसके अलावा, रॉ मैटीरियल चाहिए, जैसे कि टमाटर और कुछ सब्जियां, जो आपको आसपास की मंडी से मिल जाएगी। इसके लिए 100 गज की जगह होनी चाहिए।
ट्रेनिंग और मैनपावर
सॉस बनाने के लिए वैसे तो सिर्फ पांच लोगों की ही आवश्यकता होगी। लेकिन प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए भी आपको 4-5 लोग रखने होंगे। मैन्युफैक्चरिंग के लोगों का ट्रेंड होना बहुत जरूरी नहीं है। आप जैसी उन्हें रेसिपी बताएंगे, वे वैसे ही करेंगे। हां, लेकिन मार्केटिंग के लिए ट्रेंड लोग चाहिए। इस काम के लिए कम से कम 12वीं तक पढ़ाई होनी चाहिए, क्योंकि सॉस बनाने में कई तरह के प्रिजर्वेटिव केमिकल इस्तेमाल होते हैं। इसे उत्पाद में कितनी मात्रा में डालनी है। इस सब की जानकारी चाहिए। जिसे पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही कर सकता है। जो लोग यह काम शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए पहला तरीका तो यही है कि उन्हें सबसे पहले किसी सॉस मैन्युफैक्चरर के पास 6 महीने सीखने चाहिए। दूसरा तरीका यह है कि आप किसी संस्थान से फूड प्रोसेसिंग का कोई कोर्स कर लें। ये कोर्स छह माह से लेकर एक साल तक की अवधि के हैं। लेकिन इसे करने के बाद भी करीब 6 माह का अनुभव होना चाहिए। सॉस की तमाम रेसिपीज आजकल गूगल और यूट्यूब पर भी उपलब्ध हैं। संजीव कपूर और नीता जैसी नामी शेफ की रेसिपी भी इंटरनेट पर मिल जाएगी। इसे वहां से सीख सकते हैं।
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कैसे बढ़ें आगे
शुरुआत में प्रोडक्ट की सही से मार्केटिंग भी करनी होगी। इसके लिए छोटे-छोटे सैंपल लेकर होटल, रेस्टोरेंट और फूड स्टॉल्स पर जाएं, उन्हें टेस्ट कराएं। अगर प्रोडक्ट उन्हें पसंद आएगा, तो आर्डर मिलने में आसानी होगी। दूसरे, सैंपलिंग से आपकी मार्केटिंग भी होती है। लेकिन इस काम को करने से पहले आपके पास फूड लाइसेंस होना चाहिए, जो एफएसएसएआइ जारी करता है। इसे ऑनलाइन अप्लाई करके भी प्राप्त कर सकते हैं, जो 10-15 दिनों में मिल जाता है। कंपनी का नाम भी रजिस्टर करवाना होगा। लेकिन यह देख लें कि जो नाम अपनी कंपनी का रख रहे हैं, वह किसी और के पास रजिस्टर न हो। प्रोडक्ट को मार्केट में लाने से पहले लैब में उसका न्यूट्रिशन चेक भी कराना होता है। क्योंकि कई बार बड़े-बड़े होटलों में क्लाइंट लैब रिपोर्ट मांग लेते हैं।
लोन की सुविधा
सॉस मैन्युफैक्चरिंग के लिए लोन पाने की पहली शर्त तो यही है कि आपकी यूनिट किसी इंडस्टि्रयल एरिया में होनी चाहिए। तभी आपको कोई लोन मंजूर होगा। दूसरे, लोन लेने से पहले लाइसेंस भी दिखाना होता है। स्टैंडअप इंडिया, स्टॉर्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसी प्रधानमंत्री की योजनाओं का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना ही है। इसके तहत छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है जिसमें लोन की सुविधा, उचित मार्गदर्शन आदि शामिल है। इसके लिए बैंकों से संपर्क करना होगा। प्रधानमंत्री मु्द्रा योजना के तहत भी रियायती दरों पर 50 हजार से लेकर 10 लाख तक का लोन मिल सकता है।
हाईलाइट्स
-सॉस मैन्युफैक्चरिंग के लिए कम से कम 5 लाख रुपये की पूंजी होनी चाहिए।
-संसाधन के तौर पर कैटल, ग्राइंडर मिक्सी, ब्वायलर और कमर्शियल चूल्हे की आवश्यकता होगी।
-9 से 10 लोगों की मदद से सॉस बनाने का यह काम किया जा सकता है।
-100 गज की जगह में यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
(नोएडा स्थित श्री फूड्स प्रोडक्ट कंपनी के डायरेक्टर मिथिलेश कुमार से बातचीत पर आधारित)
जेएनएन