भविष्य में और भीषण गर्मी झेलने को रहें तैयार
ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन होता रहा तो भविष्य में धरती का ज्यादातर हिस्सा पहले की तुलना में ज्यादा गर्म हो सकता है। ...और पढ़ें

वाशिंगटन, प्रेट्र। आने वाले समय में और भीषण गर्मी झेलने के लिए तैयार हो जाइए। दुनिया में अगर इसी रफ्तार से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन होता रहा तो भविष्य में धरती का ज्यादातर हिस्सा पहले की तुलना में ज्यादा गर्म हो सकता है। नए अध्ययन में इसके प्रति आगाह किया गया है।
अमेरिकी नेशनल सेंटर फॉर एटमोस्फियरिक रिसर्च (एनसीएआर) के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तरह की भीषण गर्मी 2061 से लेकर 2080 के बीच पडऩे की आशंका है। यह तपिश दुनिया के 80 फीसद क्षेत्रों में रिकार्ड गर्मी की तुलना में ज्यादा हो सकती है। इस अध्ययन में अंटार्कटिका को शामिल नहीं किया गया था। अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाई जाती है तो इसमें 41 फीसद की गिरावट आ सकती है। अध्ययन के प्रमुख और एनसीएआर के वैज्ञानिक फ्लाविओ लेहनर ने कहा, 'अत्यधिक गर्मी समाज के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती पेश करती है। इससे स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न होने के साथ ही फसलों को नुकसान और सूखे का संकट गंभीर होता है।'
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शोधकर्ताओं ने भविष्य की गर्मी को लेकर दो मौजूदा मॉडलों का उपयोग किया। 1920 से 2014 के बीच ग्रीष्मकाल के दौरान रिकार्ड तापमान के आंकड़ों के साथ तुलना की। इसके नतीजे से पता चला कि अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की गति यही रही तो 2061 से 2080 के दौरान उत्तर-दक्षिणी अमेरिका, मध्य यूरोप, एशिया और दक्षिण अफ्रीका के ज्यादातर हिस्से अब तक रिकार्ड गर्मी की तुलना में ज्यादा गर्म हो सकते हैं।

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