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    फिल्म रिव्यू: उंगली (2.5 स्टार)

    By rohit guptaEdited By:
    Updated: Fri, 28 Nov 2014 10:24 AM (IST)

    राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' की पटकथा में रेंसिल डिसिल्वा सहायक थे। उस फिल्म ने सिस्टम से निराश युवकों के गुस्से एवं प्रतिरोध को एक द ...और पढ़ें

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    अजय ब्रह्मात्मज

    प्रमुख कलाकार: इमरान हाशमी, संजय दत्त, कंगना रनौत, रणदीप हुड्डा और नेहा धूपिया ।

    निर्देशक: रेंसिल डी सिल्वा

    संगीतकार: सलीम-सुलेमान, सचिन-जिगर, गुलराज सिंह और असलम केयी।

    स्टार: ढाई

    राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' की पटकथा में रेंसिल डिसिल्वा सहायक थे। उस फिल्म ने सिस्टम से निराश युवकों के गुस्से एवं प्रतिरोध को एक दिशा दी थी। भारतीय समाज में कैंडल मार्च उसके बाद ही विरोध का प्रतीकात्मक अभियान बन चुका है। रेंसिल डिसिल्वा ने 'रंग दे बसंती' के प्रभाव में 'उंगली' का लेखन और निर्देशन किया है। इस बार विरोध के लिए उंगली है।

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    सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार से उकताए युवक एकत्रित होते हैं। वे आम आदमी की नाराजगी जाहिर करने के लिए बीच की उंगली (मध्यमा) का इस्तेमाल करते हैं। पश्चिमी देशों में किसी भी व्यक्ति को चिढ़ाने के लिए मध्यमा दिखाने का चलन है। पेंशन पाने के लिए परेशान एक रिटायर व्यक्ति से उनकी लड़ाई शुरू होती है, जो बाद में रिक्शा चालक और पुलिस एवं सरगना की मिलीभगत तक पहुंचती है। रिक्शा चालकों का भ्रष्टाचार वास्तव में शहरी समझ का द्योतक है। समाज के बड़े भ्रष्टाचारियों के बजाए रिक्शेवाले को निशाना बनाना इसी समझ का परिचायक है। रेंसिल डिसिल्वा के पास और शुरुआत और अंत के स्पष्ट दृश्य थे। बीच के दृश्य उन्होंने अफरातफरी में जड़ दिए हैं।

    मुमकिन है संजय दत्त के जेल जाने से फिल्म की पटकथा बदल गई हो, क्योंकि संजय दत्त के किरदार काले की भूमिका कटी-छंटी दिखती है।

    कथानक में कोई नायक नहीं है। एक समूह ही इसका नायक है, लेकिन उस समूह के विभिन्न चरित्रों को गढऩे में अधिक मेहनत नहीं की गई है। यही वजह है कि इमरान हाशमी, कंगना रनौत और रणदीप हुड्डा जैसे समर्थ कलाकार भी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाते। इमरान हाशमी और कंगना के प्रेम प्रसंग पर भी लेखक-निर्देशक ने अधिक ध्यान नहीं दिया है। बिल्कुल अलग सी भूमिका के लिए इमरान हाशमी को चुनने के बाद 'किस' और 'डांस' के दृश्य जोड़े गए लगते हैं। इन दिनों हर तरह की फिल्मों में एक्टर की इमेज को संवादों और दृश्यों में डालने का चलन बढ़ा है। 'बैड बॉय' और 'सीरियल किसर' के रूप में विख्यात इमरान हाशमी फिल्म के किरदार निखिल के साथ न्याय नहीं कर पाते।

    फिल्म का आइटम सॉन्ग पटकथा में चिप्पी की तरह है, जिसका फिल्मांकन प्रभावशाली नहीं है। श्रद्धा कपूर 'डांस बसंती' आइटम सॉन्ग में निराश करती हैं। फिल्म का गीत-संगीत प्रभावशाली नहीं है।

    अविध- 116 मिनट

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