फैंस की दीवानगी जब बन जाए सितारों के लिए सिरदर्द
फिल्मी सितारों को प्रशंसक सिर आंखों पर बैठाते हैं। उनके लिए तमाम तरह के तोहफे भेजते हैं। उनकी शान में कविता और ढेरों शेरो-शायरी लिखते हैं। कुछ ने तो मंदिर भी बनवाए हैं। राजेश खन्ना जब सुपरस्टार थे तो प्रशंसक उन्हें अपने खून से लिखा खत भेजा करते थे। उनकी
फिल्मी सितारों को प्रशंसक सिर आंखों पर बैठाते हैं। उनके लिए तमाम तरह के तोहफे भेजते हैं। उनकी शान में कविता और ढेरों शेरो-शायरी लिखते हैं। कुछ ने तो मंदिर भी बनवाए हैं। राजेश खन्ना जब सुपरस्टार थे तो प्रशंसक उन्हें अपने खून से लिखा खत भेजा करते थे। उनकी गाड़ी जहां जाती थी, उस पर लड़कियों की लिपस्टिक के निशान छप जाते थे। अब प्रशंसकों की पहुंच सितारों तक आसान हो गई है। पर वे कई बार सीमाओं को पार करने से गुरेज नहीं करते। कभी-कभी ये दीवानगी सितारों के लिए सिरदर्द बन जाती है।
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भागना पड़ा जान बचाकर
महानायक अमिताभ बच्चन बताते हैं, ‘एक बार फिल्म की शूटिंग के बाद मैं होटल में अपने कमरे में पहुंचा। देखा वहां एक महिला पहले से विराजमान हैं। उन्हें अंदर देखकर मैं सकपका गया। मैंने पूछा आप कौन हैं? यहां क्या कर रही हैं? अंदर कैसे आईं? उन्होंने कहा वह मेरी प्रशंसक हैं और आज मेरे साथ रहेंगी। यह सुनकर मेरे पांव तले जमीन खिसक गई। उन्होंने कहा मैं कुछ करुंगी नहीं, बस देखूंगी कि आप सोते कैसे हैं। मैंने उनसे बाहर जाने का आग्रह किया। वह दरवाजा घेर कर खड़ी हो गई और टस से मस नहीं हुईं। उन्होंने कहा आप बाहर नहीं जा सकते, मैं जो कहूंगी करना पड़ेगा। फिर मैंने इधर-उधर की बातें करके उन्हें बहलाना-फुसलाना शुरू किया। करीब दो घंटे बाद वह जैसे ही दरवाजे से हटीं, मैं निकल भागा और उनको कमरे में छोड़ आया। वाकई उस दिन मैं बच गया।’
काट लिया हाथ
‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार के प्रशंसकों में लड़कियों की तादाद ज्यादा है। वे बताते हैं, ‘एक बार एक लड़की मुझसे मिलने स्टूडियो आई। उसे अंदर आने की अनुमति नहीं मिली तो उसने अपना हाथ काट लिया। वह खून से लथपथ हो गई थी। चौकीदार ने उसकी इस हरकत की हमें जानकारी दी। हम उसे लेकर अस्पताल गए। उस दिन मैं बहुत तनाव में रहा। पता चला कि वह लखनऊ से है और अच्छे परिवार से ताल्लुक रखती है। मुझसे मिलने के लिए घर से भागकर आ गई थी। फिर उसके घर वालों को बुलाया और समझाया-बुझाया। मैंने अपने सेक्रेटरी का नंबर भी उसे दिया। साथ ही वादा किया कि अगर साल-दो साल में मिलना हो तो आ जाया करो। हाथ काटने की क्या जरूरत है।’
जोखिम के साथ स्टंट
करियर के बेहद छोटे से स्पैन में अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने खुद को बतौर एक्ट्रेस स्थापित किया है। फिल्म ‘एनएच-10’ की शूटिंग के दौरान का वे जिक्र करती हैं, ‘हम गुड़गांव के बाहर एक गांव के पास शूटिंग कर रहे थे। गाड़ी का पासिंग शॉट लेना था। वहां पर कुछ लोग इकट्ठा होने लगे। तभी वहां पर कई मोटरसाइकिलों पर सवार ढेरों लड़के आ गए। मैंने अपनी आंखों से देखा कि वे चलती बाइक पर स्टंट कर रहे थे। जो आगे बैठे थे वे पीछे चले गए। पीछे वाला आगे बैठ गया। वो खतरनाक स्टंट था। वो टशन दिखाने के लिए कट्टा लहरा रहे रहे थे। वो बताना चाहते थे कि हम क्या स्टंट करेंगे? वाकई में वो हमसे बेहतर स्टंट कर सकते हैं। दरअसल, वे मेरे प्रशंसक थे। उनमें एक निर्देशक नवदीप सिंह के पास गया और कहा कि सर अनुष्का मैम को दिखाओ कि स्टंट कैसे होता है। नवदीप ने कहा अगर आप ऐसा करेंगे तो हम शूट कैसे करेंगे? तो उन्होंने कहा, हमारे यहां शूटिंग कभी-कभी होती है। नवदीप ने कहा कि अगर ऐसा करोगे तो शूटिंग फिर कभी नहीं होगी। तो वे बोले कि हमने तो ऐसा सोचा ही नहीं। दरअसल, उन्हें अहसास नहीं था कि वे कुछ गलत कर रहे हैं। वे उसे मजाक समझ रहे थे। जबकि हमारी जान हलक में अटक गई थी। शूटिंग खुले में हो रही थी। उनका यह मजाक हम पर बहुत भारी पड़ा था। डर लग रहा था कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। सेट पर कई लड़कियां भी थीं। यह देखकर हमारा ड्राइवर बहुत डर गया था।’
स्मिता श्रीवास्तव
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