धौनी ने बनाया सोच का धनी - सुशांत सिंह राजपूत
छोटे पर्दे से सिनेमा तक लंबी छलांग मारने वाले अभिनेताओं में शामिल हैं सुशांत सिंह राजपूत। ‘एमएस धौनी -द अनटोल्ड स्टोरी’ के लिए उन्होंने पिच पर प्रैक्टिस से लेकर उनकी स्टाइल तक अपनाने में बहाया है काफी पसीना। इस अभ्यास की कहानी, उन्हीं की जुबानी
छोटे पर्दे से सिनेमा तक लंबी छलांग मारने वाले अभिनेताओं में शामिल हैं सुशांत सिंह राजपूत। ‘एमएस धौनी -द अनटोल्ड स्टोरी’ के लिए उन्होंने पिच पर प्रैक्टिस से लेकर उनकी स्टाइल तक अपनाने में बहाया है काफी पसीना। इस अभ्यास की कहानी, उन्हीं की जुबानी...
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फिल्म ‘एमएस धौनी -द अनटोल्ड स्टोरी’ में हम क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की जिंदगी की शरुआत से लेकर 2011 के वर्ल्ड कप तक की कहानी दिखाएंगे। आईपीएल फिक्सिंग प्रकरण होगा कि नहीं, वह अभी नहीं बता सकता। धौनी को आत्मसात करने के लिए मैं जमकर मेहनत कर रहा हूं। सीधे शब्दों में कहूं तो मैंने पिछले छ: महीनों को धौनी की सोच-अप्रोच को विजुअलाइज करने में बिताया है। मैं काफी गहन रिसर्च करने में यकीन रखता हूं। शूट शुरू हो जाए तो मोबाइल फोन से भी तौबा कर लेता हूं। शूटिंग के दरम्यान सिर्फ अपने किरदार और सेट की ऊर्जा को जीता व महसूस करता हूं।
खूब बहाया पसीना
धौनी का किरदार निभाने के लिए मैंने अब तक हजार घंटे से ज्यादा विकेट कीपिंग व बैटिंग का अभ्यास किया है। मैैंने यह सब खुद को बेहतरीन क्रिकेटर दर्शाने के लिए नहीं किया है। धौनी महान क्रिकेटर हैैं। उन्हें जस्टिफाई करने के लिए यह सब जरूरी था। मैैं खुद क्रिकेटर की तरह अनुभव करना चाहता था। मैैंने धौनी पर लिखी कई किताबें पढ़ीं। उनके अनगिनत वीडियो देखे। वैसे भी मैैं एक्टर नहीं होता तो क्रिकेटर जरूर बन जाता। मेरी एक बहन स्टेट लेवल क्रिकेटर रही भी है।
कुछ सहेजा है दिल में
बहरहाल, मुझे अपनी रिसर्च व उनसे मुलाकात के दौरान बहुत सी बातें सीखने व जानने को मिलीं। वे भविष्य की उलझन में नहीं पड़ते हैैं। वे वर्तमान में जीते हैैं। वे किसी भी बात पर बहस करना पसंद नहीं करते हैं। उनके लिए चीजें गलत होती हैैं या फिर सही। वे खुद को इसी तरह कूल रखते हैैं। हां, उनकी कमजोरियां क्या हैं, वे चीजें बाद में साझा करूंगा।
अपने काम से खुश हूं
धौनी के फलसफे से मेरी सोच और धनी हुई। मैैं अब फिल्म के नतीजे की परवाह नहीं करता। मैैं अपने काम को लेकर उत्साहित रहता हूं। मैैं सिर्फ तीन घंटे सोता हूं। मेरे लिए सोना समय बरबाद करने के समान है। 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी' का नतीजा चाहे जो कुछ हुआ, पर मैं अपने काम से संतुष्ट हूं। हमने कुछ नायाब ट्राई किया था। फिल्म देखने के बाद मुझे कहीं नहीं लगा कि मैंने सीन में जान नहीं डाली थी। मैं पांच साल पहले सिर्फ भविष्य के बारे में सोचता था। मैं इस सोच के कारण आसपास की चीजों से अनजान हो चुका था। मुझे खुद के कमरे का रंग तक पता नहीं था। मुझे लगा कि मैं तो जी ही नहीं रहा हूं। धौनी से मिलने के बाद मैैंने अपना वह नजरिया बदला। अब मैं भविष्य के बारे में नहीं सोचता हूं। मैैं आज में जीता हूं।
अनुभवी हैं शेखर
‘एमएस धौनी - द अनटोल्ड स्टोरी’ की तरह शेखर कपूर की ‘पानी’ भी लार्जर दैन लाइफ प्रोजेक्ट है। इस फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत बढ़िया है। तकरीबन 120 करोड़ रुपए में फिल्म बनने वाली है। मुझे फिल्म की देरी के कारण मालूम नहीं हैं, पर इसी महीने की मीटिंग में तय होगा कि फिल्म की शूटिंग कब शुरू होने वाली है। शेखर कपूर फिल्म मेकिंग में माहिर हैैं। कहानी को घोल कर पीने के लिए मैंने शेखर कपूर के साथ सात महीने बिताए हैं। वे जिस तरह से लोकल व ग्लोबल मुद्दों को अलौकिक विस्तार प्रदान करते हैं, वह अपने आप में प्रबुद्ध कर देने वाला अनुभव है।
कुछ टीवी के लिए भी
टीवी शो ‘पवित्र रिश्ता’ ने सुशांत को सितारा बनाया था। उससे मिली लोकप्रियता उन्हें फिल्मों तक ले गई। वे बदले में टेली जगत को भी कुछ देना चाहते हैैं। वे बताते हैं, ‘मैैं टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए नए शो की प्लानिंग कर रहा हूं। टीवी शो ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं शो के माध्यम से टीवी इंडस्ट्री का धन्यवाद करना चाहता हूं। यह एक अलग तरह का शो होगा। मैं इस शो के लिए इनोवेटिव तरीके से काम करना चाहता हूं। फिल्मों के कारण मेरे पास इतना समय नहीं है। मैंने इसके लिए एक टीम गठित की है। इस टीम में मेरे कॉलेज के दो सीनियर भी हैं। उन्होंने आईआईएम से एमबीए किया हुआ है। मैं हफ्ते में एक बार अपनी टीम से मुलाकात करता हूं।’
अमित कर्ण/प्राची दीक्षित
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