अलीगढ़' और 'तेरे बिन लादेन' के सीक्वल के बीच बॉक्स ऑफिस पर टक्कर
दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए एक और शुक्रवार आ चुका है। इस बार दो फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर टक्कर हो रही है और दोनों ही फिल्में अलग मूड की हैं।
नई दिल्ली। दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए एक और शुक्रवार आ चुका है। इस बार दो फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर टक्कर हो रही है और दोनों ही फिल्में अलग मूड की हैं। एक तरफ मनोज बाजपेयी जैसे दमदार अभिनेता की संवेदनशील मुद्दे पर बनी फिल्म 'अलीगढ़' है तो दूसरी तरफ दर्शकाें को हंसाने वाली फिल्म है 'तेरे बिन लादेन : डेड ऑर अलाइव', जो 'तेरे बिन लादेन' की सीक्वल है। यह फिल्म दर्शकों को गुदगुदाने के साथ ही समीक्षकों की सराहना पाने में कामयाब रही थी। अब देखते हैं कि इसके सीक्वल में कितना दम है।
'रुस्तम' से अक्षय का दमदार लुक आया सामने, इस बार बने नेवी ऑफिसर
वैसे दोनों फिल्मों में एक चीज समान है और वो है उनका कंटेट, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। 'तेरे बिन लादेन : डेड ऑर अलाइव', ओसामा बिन लादेन की हत्या पर एक व्यंग है, जबकि 'अलीगढ़' की कहानी भी एक सत्य घटना से प्रेरित है। प्रोफेसर श्रीनिवास रामचंद्र सिरास, जिन्हें साल 2010 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। यह कदम तब उठाया गया, जब उन्हें एक रिक्शा वाला के साथ सेक्सुअल गतिविधियों में लिप्त पाया गया था।
बॉडीगार्ड से लेकर पार्टी तक सल्लू ने किया पूरा इंतजाम, संजय बोले-छोटा भाई है मेरा
'अलीगढ़' में प्रोफेसर सिरास का होमोसेक्सुअल किरदार मनोज बाजपेयी ने निभाया है और इस फिल्म के रिलीज से पहले से ही इसकी तारीफ हो रही है। हालांकि कंटेट को लेकर इस फिल्म को विरोध का भी सामना करना पड़ा है। 'अलीगढ़' में दर्शाया गया है कि एक होमोसेक्सुअल व्यक्ति को किस तरह इस समाज में एकाकी जीवन जीना पड़ता है। आपको बता दें कि 'तेरे बिन लादेन : डेड ऑर अलाइव' में मनीष पॉल, प्रद्युमन सिंह, सिकंदर खेर और पीयूष मिश्रा जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं।