पुण्यतिथि : अभिनय के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा गई थीं सुचित्रा सेन
गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन की आज दूसरी पुण्यतिथि है। 2014 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। सुचित्रा सेन ने अपने अभिनय के दम पर हिंदी और बांग्ला सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई।
नई दिल्ली। गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन की आज दूसरी पुण्यतिथि है। 2014 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। सुचित्रा सेन ने अपने अभिनय के दम पर हिंदी और बांग्ला सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई। उनकी खूबसूरती के भी दर्शक दीवाने थे। 1955 में फिल्म 'देववास' से उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और छा गईं। 'बम्बई का बाबू', 'ममता' और 'आंधी' जैसी हिंदी फिल्मों में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है।
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वैसे सुचित्रा ने सबसे पहले बांग्ला सिनेमा से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। 1952 में उन्होंने बतौर अभिनेत्री इस इंडस्ट्री में कदम रखा और उनकी पहली बांग्ला फिल्म बनी 'शेष कोथाय', मगर अफसोस यह फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हो सकी। हालांकि इसी साल उनकी एक और बांग्ला फिल्म 'सारे चतुर' रिलीज हुई, जो उनकी पहली फिल्म कही जाती है। इसमें वो अभिनेता उत्तम कुमार के साथ नजर आईं और उन्हें ही सुचित्रा को लॉन्च करने का श्रेय जाता है। निर्मल डे निर्देशित हास्य से भरपूर इस फिल्म में दोनों कलाकारों ने दर्शकों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया और यह बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट ही साबित हुई। इसके साथ सुचित्रा की उत्तम कुमार के साथ जोड़ी भी सुपरहिट हो गई। इसके बाद दोनों ने एक साथ एक से बढ़कर एक कई फिल्में दीं। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सुचित्रा की कुल 60 फिल्मों में से 30 उत्तम कुमार के साथ थी।
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सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल,1931 को वर्तमान बांग्लादेश के पबना जिले में हुअा था। उनका मूल नाम रोमा दासगुप्ता था। उनके पिता करूणोमय दासगुप्ता एक हेड मास्टर थे। उनके माता-पिता के पांच संतान थे। सुचित्रा ने प्रारंभिक शिक्षा पबना से हासिल की। 1947 में उनकी शादी बंगाल के जाने-माने उद्योगपति अदिनाथ सेन के पुत्र दीबानाथ सेन से हो गई। उन्होंने अंतिम बार 1978 में आई फिल्म 'प्रणोय पाश' में नजर आर्इं। इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास ले लिया और राम कृष्ण मिशन की सदस्य बन गईं और सामाजिक कार्यों में व्यस्त हो गईं। पति के निधन के बाद भी वो फिल्मों में सक्रिय रहीं। 1972 में सुचित्रा को पदमश्री पुरस्कार से नवाजा गया। 17 जनवरी, 2014 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड से नवाजी जाने वालीं सुचित्रा पहली बांग्ला अभिनेत्री थीं।
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