मोहल्ला अस्सी विवाद पर 13 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई
फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' का विवाद अदालत तक पहुंच गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 'मोहल्ला अस्सी' की रिलीज पर रोक लगवाने के लिए दर्ज की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 13 जुलाई तय की है। 'मोहल्ला अस्सी' का अनाधिकृत ट्रेलर सोशल मीडिया पर लीक
मुंबई। फिल्म 'मोहल्ला अस्सी' का विवाद अदालत तक पहुंच गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 'मोहल्ला अस्सी' की रिलीज पर रोक लगवाने के लिए दर्ज की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 13 जुलाई तय की है। 'मोहल्ला अस्सी' का अनाधिकृत ट्रेलर सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद यह सारा विवाद खड़ा हुआ।
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'मोहल्ला अस्सी' के इस ट्रेलर में काफी गालियां दी गई हैं। 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' नाम के समूह ने इसकी शिकायत दर्ज की। इसके बाद जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस राकेश श्रीवास्तव ने यह आदेश 'हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस' के समूह की अर्जी पर दिया।
केन्द्र सरकार और सेंसर बोर्ड के वकील ने अदालत को बताया कि उन्होंने मामले से जुड़े लोगों को सूचित कर दिया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका है लिहाजा इसके लिये थोड़ा समय और दे दिया जाए।
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अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को करने का फैसला लिया। अर्जी में फिल्म को रिलीज की इजाजत न दिये जाने और फिल्म के ट्रेलर को किसी भी हालत में फैलने न देने की मांग है। अदालत ने 26 जून को इस मामले में केन्द्र सरकार तथा सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया था।
'मोहल्ला अस्सी' के खिलाफ दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म के ट्रेलर को देखने से लगता है कि प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और एक्टर्स ने गैरजिम्मेदाराना तरीके से काम किया है। फिल्म में धार्मिक नगरी काशी की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि तथा भगवान शिव, हिंदू संतों तथा हिंदू महिलाओं की छवि को खराब किया गया है।
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अर्जी में फिल्म के डायरेक्टर चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, प्रोड्यूसर विनय तिवारी और एक्टर सनी देओल और अन्य कलाकारों को भी दोषी माना गया है। हालांकि द्विवेदी का कहना है कि उनकी ओर से कोई ट्रेलर जारी नहीं किया गया है। यह किसी की साजिश है।