Exclusive: शोले में जिनको गब्बर बनना था, बने नहीं, चेक आज भी उन्हीं के पास है
हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक से बढ़ कर एक विलेन आये लेकिन गब्बर सिंह का नाम सबसे लोकप्रिय है। अमजद खान के बोले गए बेहतरीन डायलॉग आज भी 'पचास पचास कोस' से ज़्यादा दूर तक गूंजते हैं।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। हिंदी फिल्में देखने वालों की जुबां पर आज भी जितना जय, वीरू, बसंती , ठाकुर और धन्नो का नाम है, उतना ही गब्बर का भी। लेकिन शोले में गब्बर का रोल अमजद खान को नहीं बल्कि डैनी डेन्जोंपा को मिलने वाला था। उन्होंने साइन किया हुआ चेक आज भी संभाल कर रखा है।
इस बात का खुलासा फिल्म 'शोले' के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने मंगलवार को मुंबई में एक इवेंट में किया। रमेश सिप्पी बताते हैं " मैंने गब्बर सिंह की भूमिका के लिए पहले डैनी को साइन कर लिया था। वो तब के बेस्ट डिमांडेड विलेन थे। लेकिन उनके पास समय नहीं होने के कारण बाद में उन्होंने इस फिल्म के लिए मना कर दिया। तब ये फिल्म अमजद खान के पास चली गई। हमने उन्हें साइन कर चेक भी दे दिया गया था। वह आज भी मजाक में कहते है कि आपका चेक पड़ा हुआ है। कब आपको वापस चाहिए।"
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रमेश सिप्पी बताते हैं " जब हम फिल्म की शूटिंग करने जा रहे थे, तब डैनी, फिरोज खान की फिल्म 'धर्मात्मा' की शूटिंग कर रहे थे। उनके शेड्यूल से हमारा शेड्यूल टकरा रहा था। तब हमने कहा कि हम इन्तजार नहीं कर सकतें। इसलिए हमने दूसरे उपाय ढूंढने शुरू किये। सलीम-जावेद ने अमजद खान का नाम सुझाया। मैंने अमजद को बुलाया। उन्हें देखकर मुझे याद आया कि वह मेरी बहन के एक नाटक में भी थे। अमजद खान को कुछ दिन बाद दाढ़ी रख कर आने को कहा गया। इसके बाद उनके फोटो खींचे गए मिलिट्री की ड्रेस और उसपर पट्टा पहनाकर। उन्हें देखते ही समझ गया था , हमें हमारा गब्बर सिंह मिल गया है।
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हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक से बढ़ कर एक विलेन आये लेकिन गब्बर सिंह का नाम सबसे लोकप्रिय है। अमजद खान के बोले गए बेहतरीन डायलॉग आज भी 'पचास पचास कोस' से ज़्यादा दूर तक गूंजते हैं।