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    सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी पर लगे ये आरोप

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 12 May 2015 07:58 AM (IST)

    सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी एक बार फिर विवादों में हैं। निहलानी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' की स्क्रीनिंग के दौरान नियमों की अवहेलना की है। इस मसले को सुलझाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दखल देना पड़ा है।

    मुंबई। सेंसर बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी एक बार फिर विवादों में हैं। निहलानी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने फिल्म 'बॉम्बे वेलवेट' की स्क्रीनिंग के दौरान नियमों की अवहेलना की है। इस मसले को सुलझाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दखल देना पड़ा है।

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    सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) प्रमुख पहलाज निहलानी पर फिल्म स्क्रीनिंग से जुड़े मसले में आरोप लगा है कि उन्होंने नियमों की अवहेलना की है। बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी की सीनियर मेंबर नंदिनी सरदेसाई ने इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लैटर भी लिखा है। इसमें लिखा गया है कि पहलाज निहलानी 'बॉम्बे वेलवेट' की स्क्रीनिंग के बारे में हमें अंधेरे में रख रहे हैं।

    बोर्ड एक्जामिन कमेटी ने पहले फिल्म को देखा था और इसमें कुछ हटाने को कहा गया था। मेकर्स ने इसके बाद एक बार फिर अपील की थी कि स्क्रीनिंग नियमों के आधार पर नहीं की गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भेजे गए ईमेल्स की कॉपी मिड-डे के पास मौजूद है।

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    इसमें सरदेसाई ने कहा है कि उन्होंने निहलानी को तीन बार बताया था कि वे स्क्रीनिंग के दौरान उपलब्ध रह सकती हैं मगर बावजूद इसके उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्होंने पाया कि एक बार फिर से रिवीजन प्रिव्यू किया गया था जिसमें एक्जामिन कमेटी के सदस्य शामिल हुए थे लेकिन इस दौरान रिवाइजिंग कमेटी के सदस्य मौजूद नहीं थे।

    सरदेसाई ने हिटलिस्ट से कहा, 'चैयरपर्सन केवल उस समय प्रकाश में आए जब रिवाइजिंग कमेटी के सद्स्यों में एकमत होने की स्थिति नहीं बनी। यहां सभी नियमों को ताक पर रखा गया है। वहीं सदस्य निहलानी के साथ रिवीजन स्क्रीनिंग में बैठे थे जो एक्जामिन कमेटी के सदस्य हैं। और तो और उन्होंने इसे फ्री में अटैंड किया जबकि हम लोगों को एक हजार रूपए देना होते हैं। मंत्री जी ने पिछली बार स्पष्ट रूप से कह दिया था कि सीबीएफसी एक ऐसी बॉडी है जहां पर निर्णय और योजना एक साथ मिलकर बनाई जाती है। यह कोई संस्थान नहीं है जो किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा संचालित किया जाता है।'

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    फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने कहा, 'मैने भी सारी बातें सुनी है मगर मैं इस बारे में कमेंट नहीं कर सकता।' निहलानी ने फोन और मैसेज का जवाब नहीं दिया।

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