Move to Jagran APP

Dads के नामों का 'बोझ' नहीं उठा सके ये 7 Star Sons, रहे फ्लॉप

फ़िरोज़ ख़ान का नाम सुनते ही ज़हन में एक ख़ूबसूरत और बेहद स्टाइलिश एक्टर की छवि कौंध जाती है। वो जितने हैंडसम एक्टर थे उतने ही बिंदास फ़िल्ममेकर।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 19 Jun 2017 05:57 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 05:57 PM (IST)
Dads के नामों का 'बोझ' नहीं उठा सके ये 7 Star Sons, रहे फ्लॉप
Dads के नामों का 'बोझ' नहीं उठा सके ये 7 Star Sons, रहे फ्लॉप

मुंबई। बॉलीवुड में एक कहावत मशहूर है। यहां हर सितारा अपनी क़िस्मत लेकर आता है। उसकी रौशनी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि वह किस अांगन का चिराग़ है, बल्कि उसकी चमक उसके हुनर की लौ से दमकती है। ऐसे ही कुछ स्टार किड्स, जो अपने पिता की चमकती विरासत को आगे ना ले जा सके और रौशनी फैलाने से पहले ही बुझ गए। 

loksabha election banner

अमिताभ-अभिषेक: 

अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के महानायक कहे जाते हैं, मगर बेटे अभिषेक अभी भी नायक बनने के लिए कोशिश कर रहे हैं। बॉलीवुड में 15 साल से ज़्यादा गुज़ार चुके अभिषेक अपने डैड जैसी सक्सेस से कोसों दूर हैं। अभिषेक के करियर में ऐसी फ़िल्मों की गिनती बेहद कम है, जिनकी कामयाबी का श्रेय अकेले उन्हें दिया जा सके। 

यह भी पढ़ें: दीपिका, रणबीर, कटरीना... गीक लुक कर रहा है फिर ट्रेंड

जहां अमिताभ मल्टीस्टारर फ़िल्मों के सबसे चमकते सितारे होते थे, वहीं अभिषेक की गाड़ी मल्टीस्टारर फ़िल्मों में सेकंड लीड निभाकर चल रही है। बहरहाल, अभिषेक 2016 की फ़िल्म 'हाउसफुल 3' में अक्षय कुमार और रितेश देशमुख के साथ नज़र आये थे। अब जेपी दत्ता की वॉर फ़िल्म 'पलटन' में वो लीड रोल निभाते हुए दिखायी देंगे। 

शत्रुघ्न-लव:

यह भी पढ़ें: किसी ने पापा तो किसी ने चाचा को किया असिस्ट, स्टार बनने से पहले किड्स की कहानी

अमिताभ बच्चन के राइवल नंबर वन रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय सिनेमा में जो क़द बनाया है, वो उनकी अगली पीढ़ी के लिए चुनौती बन गया है। शॉटगन के जुड़वा बेटे में से एक लव ने 2010 की फ़िल्म 'सदियां' से बॉलीवुड में बतौर हीरो डेब्यू किया था, मगर कहते हैं ना कि पूत के पांव पालने में ही नज़र आ जाते हैं। लव ने इसके बाद हीरो बनने की कोशिश नहीं की। मगर, अब वो भी वापसी की तैयारी कर रहे हैं। जेपी दत्ता की 'पलटन' में लव के भी होने की ख़बरें हैं।

धर्मेंद्र-बॉबी:

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड के ये डायरेक्टर्स एक्टर्स से कम हैं के, ख़ुद तय कीजिए

धर्मेंद्र के छोटे बेटे बॉबी देओल की लांचिंग एक मुकम्मल हीरो के तौर पर की गयी थी, जो एक्टिंग के साथ एक्शन और डांस में भी माहिर है। एक्शन तो देओल परिवार की नसों में दौड़ता है, पर डांस के मामले में मात खा जाते थे। इस कमी को बॉबी के ज़रिए पूरा करने की कोशिश की गयी, मगर पापा या भाई सनी जैसी सक्सेस बॉबी के हिस्से में नहीं आयी। पिछले कुछ सालों से बॉबी की गाड़ी होम प्रोडक्शंस के ज़रिए चल रही है। हालांकि श्रेयस तलपड़े की फ़िल्म 'पोस्टर बॉयज़' से बॉबी भाई सनी के साथ लौट रहे हैं।

विनोद-अक्षय:

यह भी पढ़ें: राजामौली की फ़िल्म से चमका काजल की क़िस्मत का सितारा

सत्तर के दशक में जब अमिताभ बच्चन की तूती बोलती थी, उस दौर में भी विनोद खन्ना ने अपनी एक अलग फ़ैन फॉलोइंग बनायी। हैंडसम, स्टाइलिश और डैशिंग विनोद खन्ना की पर्सनेलिटी सामने वाले का कांफिडेंस हिलाने के लिए काफ़ी होती थी। कुछ अर्सा पहले दिवंगत हुए विनोद खन्ना की सक्सेस उनके बेटों की क़िस्मत नहीं बन सकी। अक्षय खन्ना ने बतौर हीरो करियर शुरू किया, मगर धीरे-धीरे वो करेक्टर आर्टिस्ट बनकर रह गये। अक्षय को अच्छा एक्टर समझा जाता है, पर करियर में इसका फ़ायदा नहीं मिला। अक्षय अब श्रीदेवी की फ़िल्म 'मॉम' में एक दिलचस्प किरदार में दिखेंगे।

मिथुन-महाअक्षय:

यह भी पढ़ें: भारत की हार पर बॉलीवुड की प्रतिक्रिया, ऋषि कपूर ने कही ऐसी बात

मिथुन ने अपने करियर की शुरुआत में जिस तरह की कामयाबी हासिल की, वो बेमिसाल है। नेशनल अवॉर्ड जीत चुके मिथन की सक्सेस उनके बेटे महाअक्षय ना दोहरा सके। महाअक्षय ने मिमोह चक्रवर्ती के नाम से 'जिम्मी' से डेब्यू किया। इसके बाद कुछ और फ़िल्मों में क़िस्मत आज़मायी, मगर कामयाबी दूर ही रही। महाअक्षय आख़िरी बार 2015 की फ़िल्म 'इश्क़ेदारियां' में नज़र आये थे।

जीतेंद्र-तुषार:

यह भी पढ़ें: रितिक रोशन बन सकते थे रैम्बो, अगर ना की होती ये फ़िल्म

तुषार कपूर का भी है। तुषार ने रोमांटिक फ़िल्मों से करियर शुरू किया और फिर गोलमाल सीरीज़ के ज़रिए कॉमेडी में शिफ़्ट हो गये। हालांकि पापा जैसी कामयाबी उन्हें भी नसीब ना हुई। पिछले साल सरोगेसी के ज़रिए सिंगल पेरेंट बने तुषार अब 'गोलमाल अगेन' में नज़र आएंगे। 

फ़िरोज़-फरदीन:

यह भी पढ़ें: सलमान ख़ान बनना चाहते हैं पापा, कर दिया प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा

फ़िरोज़ ख़ान का नाम सुनते ही ज़हन में एक ख़ूबसूरत और बेहद स्टाइलिश एक्टर की छवि कौंध जाती है। वो जितने हैंडसम एक्टर थे, उतने ही बिंदास फ़िल्ममेकर। अपनी फ़िल्मों के ज़रिए बॉलीवुड को स्टाइल की नई परिभाषा देने वाले फ़िरोज़ ख़ान की विरासत को आगे बढ़ाने में पूरी तरह फेल रहे फरदीन ख़ान। फरदीन आख़िरी दफ़ा 2010 की फ़िल्म 'दूल्हा मिल गया' में पर्दे पर दिखे थे। सक्सेस के नाम पर उनके पास 'नो एंट्री' और 'ऑल द बेस्ट' जैसी कुछ मल्टीस्टारर फ़िल्में ही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.