पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध को सही नहीं मानते अन्ना हजारे
उन्होंने साफ़ कहा कि ने कहा है कि युद्ध और कला में अंतर होता है। दोनों को हमें अलग-अलग रखना चाहिए।
मुंबई। भ्रष्टाचार आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अब फ़िल्मी हो गए हैं। मतलब अब उनके जीवन पर एक फिल्म बन गई है। फ़िल्मी कार्यक्रम में शरीक होने के साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन कर दिया है।
मुम्बई में अपने बायोपिक 'अन्ना' से जुड़े एक इवेंट में आये अन्ना हजारे से जब पाकिस्तान के कलाकारों को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के दिए गए अल्टीमेंटम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ़ कहा कि ने कहा है कि युद्ध और कला में अंतर होता है। दोनों को हमें अलग-अलग रखना चाहिए। आर्ट लोगों को प्रेरित करता है। हां , लेकिन अगर उसका इस्तेमाल गलत रूप में होता है तो ये स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री के 'अच्छे दिन' की तो उन्होंने खूब चुटकी ली लेकिन उडी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ तेजी से उठ रहे विरोध के स्वरों पर उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान नहीं बदलता है और युद्ध करना पड़ता है तो तो वो भी इस युद्ध में शामिल होने के लिए सीमा पर जाना चाहते हैं। हालांकि उनका मानना है कि पहल हमें नहीं करती चाहिए। अगर पाकिस्तान ऐसा कुछ करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
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शशांक उदापुरकर की अन्ना की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में उनके सेना में नौकरी करने से लेकर भ्रष्टाचार आंदोलन तक और फिर केजरीवाल के हुए घटनाक्रम को दिखाया जाएगा। फिल्म में तनीषा मुखर्जी टीवी रिपोर्टर की भूमिका में हैं।