Move to Jagran APP

UP Election 2017: सातवें चरण में बाहुबलियों के दमखम का भी इम्तिहान

चुनाव अपने अंतिम पड़ाव के रूप में अब पूर्वाचल की दहलीज पर है। राज्य के इस हिस्से में अंतिम चरण के चुनावी अखाड़े में कई बाहुबलियों के दम-खम का इम्तिहान होना है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 03:46 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 06:42 PM (IST)
UP Election 2017: सातवें चरण में बाहुबलियों के दमखम का भी इम्तिहान
UP Election 2017: सातवें चरण में बाहुबलियों के दमखम का भी इम्तिहान
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चक्र में अब कुछ बाहुबलियों की भी परीक्षा होनी है। चुनाव अपने अंतिम पड़ाव के रूप में अब पूर्वाचल की दहलीज पर है। राज्य के इस हिस्से में अंतिम चरण के चुनावी अखाड़े में कई बाहुबलियों के दम-खम का इम्तिहान होना है।
चंदौली का सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र कभी वाराणसी जिले का हिस्सा था। इस बार यहां बाहुबलियों के आमने-सामने होने से खास बन गया है। वाराणसी जेल में बंद बाहुबली बृजेश सिंह भले इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं हैं, लेकिन उनके भतीजे सुशील सिंह को भाजपा ने यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है।
सुशील को यहां से बाहुबली श्याम नरायण सिंह उर्फ विनीत सिंह कड़ी टक्कर दे रहे हैं। विनीत सिंह फिलहाल झारखंड की जेल में बंद हैं। यहां हमेशा ही विनीत व  बृजेश सिंह के बीच मुकाबला होता रहा है। सैयदराजा सीट पर सुशील के प्रचार की कमान बृजेश की पत्नी किरण सिंह ने संभाले रखी। डॉन की पत्नी बिना किसी तामझाम के सबके घर पहुंचीं।
सैयदराजा सीट को लेकर रोचक बात यह भी है कि खुद बृजेश सिंह भी 2002 के चुनाव में मैदान में थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के मनोज सिंह ने उन्हें कम अंतर से हरा दिया था। इस बार भी मनोज सिंह सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से मैदान में हैं। बृजेश सिंह हालांकि बाद में विधान परिषद सदस्य बनने में कामयाब रहे थे।
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह भी जौनपुर जिले की मडिय़ाहूं सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 2012 के चुनाव में सीमा अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़कर हार चुकी हैं। इस बार निषाद पार्टी और कृष्णा पटेल के अपना दल ने उन्हें यहां से टिकट दिया है। सीमा सिंह को प्रदेश की विधानसभा पहुंचाने के लिए मुन्ना बजरंगी ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। इलाके के लोग कहते हैं कि इस बार मुन्ना बजरंगी के लोग धनबल और बाहुबल का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। बजरंगी की ताकत की वजह से ही सीमा विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। समाजवादी पार्टी ने यहां से श्रद्धा यादव को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने भोलानाथ शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी अपना दल को दे दी है, जिसकी उम्मीदवार लीना तिवारी मैदान में हैं।
इसके अलावा बाहुबली विजय मिश्र व धनंजय सिंह को भी निषाद पार्टी से टिकट मिला है। समाजवादी पार्टी से बगावत करने विजय मिश्र ज्ञानपुर से और माफिया धनंजय सिंह मल्हनी सीट से चुनाव मैदान में हैं। विजय मिश्र बीते 2012 के चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत चुके है। करोड़पति होने के साथ ही उन पर लगभग 26 मुकदमे भी दर्ज हैं। सपा ने ज्ञानपुर से रामरती बिंद को टिकट दिया है, जबकि भाजपा की तरफ से महेंद्र कुमार बिंद प्रत्याशी हैं और बसपा ने राजेश कुमार यादव को टिकट दिया है। मल्हनी से धनंजय सिंह के मुकाबले समाजवादी पार्टी ने भी बाहुबली पारसनाथ यादव को टिकट दिया है, जबकि भाजपा से सतीश कुमार सिंह, और बसपा से विवेक यादव भी चुनाव मैदान में हैं।
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को मुख्तार अंसारी का करीबी भी माना जाता है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी मुन्ना बजरंगी का नाम आया था। इस हत्याकांड में राय सहित सात लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई थी। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.