यूपी विधानसभा चुनाव: तीन चरणों में अब तक सिर्फ 264 महिला उम्मीदवार
पहले तीनों चरणों में कुल 2386 प्रत्याशियों में से सिर्फ 264 यानि 9 फीसद महिला नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसद आरक्षण देने की मांग अक्सर उठती रही है। लेकिन जब चुनाव के दौरान टिकट देने की बात आती है तो तमाम राजनीतिक दल महिलाओं को जिताऊ उम्मीदवार के तौर पर नहीं देखते।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इन दो दलों की कमान महिलाओं के हाथ में है फिर भी महिलाओं को टिकट देने में दोनों पार्टियां मिसाल कायम करने में नाकाम रही हैं। भाजपा नेता सुषमा स्वराज भारत की विदेश मंत्री हैं और लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी एक महिला (सुमित्रा महाजन) ही संभाल रही हैं। समाजवादी पार्टी में भी डिंपल यादव का कद लगातार बढ़ रहा है, इसके बावजूद इन चारों प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं को अब तक उचित प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया है।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात करें तो पहले दो चरण का मतदान हो चुका है और तीसरे चरण का मतदान भी रविवार को चल रहा है। इन तीनों चरणों की बात की जाए तो अब तक 264 महिलाओं को ही राजनीतिक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया है। यह आंकड़ा कुल प्रत्याशियों का सिर्फ 9 फीसद बनता है, जबकि मांग हमेशा 33 फीसद की होती रही है।
एक नजर चरण दर चरण महिला उम्मीदवारों पर
पहले चरण में तमाम राजनीतिक दलों ने सिर्फ 77 महिला नेताओं को उम्मीदवार बनाया। दूसरे चरण में 82 महिला नेताओं को तमाम राजनीतिक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया। तीसरे चरण में 105 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है। इस तरह से तीनों चरणों में कुल 2386 प्रत्याशियों में से सिर्फ 264 यानि 9 फीसद महिला नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि इस दौरान 2122 पुरुष उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे।