UP Assembly Election: मंत्री-अफसरों की मिलीभगत से निष्पक्ष चुनाव में खतरा
भाजपा ने प्रदेश के कई हिस्सों में सपा के मंत्रियों और नेताओं द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और निष्पक्ष चुनाव में संदेह व्यक्त किया है।
लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा ने प्रदेश के कई हिस्सों में सत्तारूढ़ सपा के मंत्रियों, सांसदों और नेताओं द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि इस मिलीभगत से निष्पक्ष चुनाव प्रभावित होगा। आयोग में की गई शिकायत में कहा है कि फैजाबाद के जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार मंत्री अवधेश प्रसाद का प्रचार करते पाए गए हैं। इसी तरह गोंडा में मंत्री विनोद सिंह के दबाव पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। भाजपा ने और भी कई जिलों का उदाहरण दिया है। अफसरों को हटाने की मांग के साथ कहा है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए यह जरूरी है।
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झांसी की चुनावी सभाओं में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर हमला बोलने से अधिक दिलचस्पी घोषणा पत्र में किए गए वादों में दिखाई। उन्होंने कहा कि मायावती व अखिलेश यादव की कुंडली में अब सीएम बनना नहीं है, इसलिए दोनों मैदान से बाहर हैं और प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद होने वाली पहली कैबिनेट की बैठक में किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और इसके बाद कर्ज लेने पर ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। स्नातक तक लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी, जबकि 50 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्रों के लिए भी मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। किसानों के लिए मुसीबत बन चुकी अन्ना प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में जमीन आरक्षित की जाएगी, ताकि गायों को आश्रय दिया जा सके। पृथक बुंदेलखंड राज्य को लेकर उठाए गए सवाल पर मौर्य ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा।
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