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    UP Election 2017 : कुनबे की कलह और जातीय जंजीरों की जकड़ चुनावी मुद्दा

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 16 Feb 2017 07:16 PM (IST)

    यहां कलह और जातिवाद हावी है। आलू फसल से तबाह किसान, आपदा राहत को भटकता किसान, टूटी सड़कें, बंद कारखाने, प्रदूषण और जाम से झल्लाता शहर चुनावी मुद्दा नहीं हैं।

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    UP Election 2017 : कुनबे की कलह और जातीय जंजीरों की जकड़ चुनावी मुद्दा

    लखनऊ (जेएनएन)। आलू फसल की बर्बादी पर आंसू बहाता किसान, आपदा राहत मुआवजे को भटकता किसान, टूटी सड़कों, बंद कारखानों, प्रदूषण और जाम से झल्लाता शहर चुनावी मुद्दा नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए पूरी बिसात बिछ चुकी है। मोहरे सामने हैं और इंतजार ईवीएम पर बटन दबाने का है। इस चरण में ज्यादातर सीटों मध्य उत्तर प्रदेश की हैं। दलों के घोषणा पत्र और बड़े नेताओं के मंच विकास के दावों की गूंज है लेकिन मतदान के मुहाने पर खड़े जिलों में शायद ही कोई सीट ऐसी हो जहां विकास, स्थानीय जरूरत या उम्मीदें मुद्दा बनकर उभरी हों। मौजूदा हालात जातीय जंजीर और सैफई परिवार के कलह में छटपटाते लोकतंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं।

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    गांव में तीन हैंडपंप सभी खराब

    रसूलाबाद का दशहरी गांव कानपुर देहात में है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल के लोकसभा क्षेत्र कन्नौज में आता है। यहां तीन हैंडपंप हैं। इनमें दो से प्रदूषित पानी निकलता है। एक लंबे समय से खराब पड़ा है। ग्रामीण दूरदराज से पानी भरकर लाते हैं। इसे अपनी सबसे बड़ी समस्या बताते हैं, लेकिन चुनाव और प्रत्याशी का जिक्र हो तो इसे भूलकर बिरादरी के प्रत्याशी के लिए बंटे नजर आ रहे हैं। कानपुर देहात की बड़ी आबादी शायद इसी सोच के साथ 19 फरवरी के इंतजार में है।

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    किसानों को मुआवजा नहीं

    पिछले साल ओलावृष्टि से छोटे किसानों की 81342 हेक्टेयर और बड़े किसानों की 33525 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई। प्रभावित 417927 किसानों के लिए ढाई अरब मुआवजा राशि तय हुई। वक्त गुजर गया लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका। अब तक यही मुद्दा छाया रहा लेकिन चुनाव में मुद्दा नहीं है। कानपुर शहर में विकास का मुद्दा होना वाजिब है। औद्योगिक विकास की बात होनी चाहिए। दलों के घोषणा पत्रों में तो इन पर जोर है, बसपा लेकिन दलों की रणनीति में यह मुद्दे मतदाता के दिल तक पहुंचाने की कोई खास कोशिश नहीं। मिश्रित आबादी वाले सीसामऊ और छावनी विधानसभा चुनाव में अदृश्य लकीर संप्रदाय की खींचने की कोशिश है तो किदवई नगर, गोविंदनगर, कल्याणपुर, महाराजपुर और बिठूर में बिरादरी की दुहाई जोरों पर है।

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    सैफई परिवार ही बना मुद्दा

    सपा शासन में इटावा में तुलनात्मक रूप से अधिक काम यहां की जनता स्वीकारती है। यहां दोनों विधानसभा सीटें सपा के कब्जे में हैं। मगर, अब विरोधी दलों से लेकर दो धड़े में बंटी सपा में अपनी-अपनी वफा और चाचा-भतीजे की खींचतान ही चुनाव टिका नजर आ रहा है। यही पारिवारिक कलह मुख्यमंत्री की पत्नी डिंपल यादव के लोकसभा क्षेत्र कन्नौज में बनी हुई है। क्षेत्रवासी इसे तो स्वीकार करते हैं कि यहां विकास काफी हुआ है। कई बड़े प्रोजेक्ट आए। थोड़ी सी शिकायत इनके अधूरे पड़े होने की है, लेकिन विरोधी दल इस सोच पर पारिवारिक कलह की परत चढ़ाने की पुरजोर कोशिश में हैं

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    पिछड़ते एजेंडे

    • कभी पूरब के मेनचेस्टर रहे कानपुर की लाल इमली अब एक इमारत है। अब कोई दल इसे या अन्य कारखानों को चालू कराने पर जोर नहीं दे रहा। जनता भी इस पर आश्वासन नहीं मांग रही।
    • कानपुर में जाम और प्रदूषण से जीवन घुट रहा है। इसके बावजूद चुनाव का मुख्य मुद्दा यह नहीं बन सका है। सड़कें टूटी और जर्जर लेकिन इस पर किसी को खास जोर नहीं है।
    • फर्रुखाबाद-कन्नौज में किसानों की मेहनत अक्सर बर्बाद हो जाती है। यहां फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना तो किसानों को आलू की फसल का ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।

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    विधानसभा सीटें

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    कानपुर नगर

    कुल प्रत्याशी- 100

    कुल मतदाता- 3370113

    दलों की स्थिति- सपा- 5, भाजपा- 4, कांग्रेस- 1 और बसपा- 0

    कानपुर देहात

    कुल प्रत्याशी- 48

    कुल मतदाता- 1270659

    दलों की स्थिति- सपा- 3, बसपा- 1, भाजपा- 0, कांग्रेस- 0

    इटावा

    कुल प्रत्याशी- 40

    कुल मतदाता- 34275

    दलों की स्थिति- सपा- 2, बसपा- 0, भाजपा- 0, कांग्रेस- 0

    औरैया

    कुल प्रत्याशी- 32

    कुल मतदाता- 978081

    दलों की स्थिति- सपा- 3, बसपा- 0, भाजपा- 0, कांग्रेस- 0

    कन्नौज

    कुल प्रत्याशी- 39

    कुल मतदाता- 1152000

    दलों की स्थिति- सपा-3, भाजपा- 0, बसपा- 0, कांग्रेस- 0

    उन्नाव

    कुल प्रत्याशी- 65

    कुल मतदाता- 2168712

    दलों की स्थिति- सपा- 4, भाजपा- 1, बसपा- 1, कांग्रेस- 0

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    फर्रुखाबाद

    कुल प्रत्याशी- 61

    कुल मतदाता- 1340287

    दलों की स्थिति- सपा- 4, भाजपा- 0, बसपा- 0, कांग्रेस- 0 जमी

    विधानसभा चुनाव सपा कांग्रेस भाजपा अपना दल बसपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मायावती अजित सिंह अखिलेश यादव राहुल गांधी