Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Elections 2017: मुलायम के क्षेत्र में कामयाबी दोहराने की चुनौती

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Wed, 01 Mar 2017 06:46 PM (IST)

    समाजवादी पार्टी के सामने अब मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव की कामयाबी दोहराने की चुनौती है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    Elections 2017: मुलायम के क्षेत्र में कामयाबी दोहराने की चुनौती

    लखनऊ (जेएनएन)। पांच चक्रों के मतदान के बाद समाजवादी पार्टी के सामने अब मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव की कामयाबी दोहराने की चुनौती है। इस क्षेत्र में छठवें चरण में चार मार्च को मतदान होना है। लिहाजा पार्टी ने प्रबंधकों को वहां डेरा डालने का फरमान जारी किया है। आजमगढ़ जिले में दस विधानसभा क्षेत्र हैं, इनमें से नौ पर सपा का कब्जा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    आजमगढ़ जिले में दो लोकसभा क्षेत्र हैं। इनमें से मुलायम के आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ (सदर) और मेहनगर विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2012 में मुबारकपुर को छोड़कर सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा का कब्जा था। इनमें तीन विधायक यादव, तीन मुसलमान, एक कुर्मी और दो अनुसूचित जाति के हैं। सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए सपा ने यहां से बलराम यादव और दुर्गा प्रसाद यादव को कैबिनेट मंत्री, वसीम अहमद को राज्यमंत्री बनाया था। इसके साथ ही राम दुलार राजभर को अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम का अध्यक्ष, राम आसरे विश्वकर्मा को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। मुलायम ने बलराम व दुर्गा को आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को साधने का जिम्मा दे रखा था।

    अब छठवें चरण में इस जिले में मतदान होना है, मुलायम सिंह यादव के आजमगढ़ जाने का अब तक कोई कार्यक्रम नहीं बना है। इस पूरे चुनाव में उन्होने सिर्फ तीन सभा की है। अलबत्ता जौनपुर में उनकी एक जनसभा जरूर प्रस्तावित है। इन परिस्थितियों में आजमगढ़ जिले व संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर वर्ष 2012 की कामयाबी दोहरानी की चुनौती बढ़ गई है। यूं तो अखिलेश यादव 28 फरवरी को आजमगढ़ मथेंगे। अपने पिता व सपा के संरक्षक मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र के समीकरण साधने के लिए उन्होंने अपने प्रबंधकों को जिले में डेरा डालने का निर्देश दिया है। 

    यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर सवाल, सभा में भगदड़ की जांच

    सूत्रों का कहना है कि सपा ने लोकसभा चुनाव के समय दूसरे दल छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए क्षेत्रीय क्षत्रपों को अहम जिम्मेदारी देने की हिदायत दी गई है। पार्टी नेतृत्व भितरघात में लगे नेताओं को चिह्नित कर उनको साधने की जिम्मेदारी चुनाव प्रबंधकों को सौंपी गई है। पूर्व राष्ट्रीय सचिव राजेश दीक्षित का कहना है कि आजमगढ़ समाजवादियों का गढ़ रहा है। इटावा, मैनपुरी के साथ ही आजमगढ़ भी मुलायम सिंह व अखिलेश यादव का पसंदीदा क्षेत्र रहा है। सरकार ने इस क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज से लेकर बंद पड़ी चीनी मिल तक शुरू कराई है। ऐसे में यहां की जनता विकास व मुलायम के नाम पर सपा प्रत्याशियों को वोट करेगी।